पैसे देकर भी नहीं मिल रही सीट, टॉयलेट के पास बैठने को मजबूर यात्री – जानें आनंद विहार स्टेशन पर क्या हो रहा है!
त्योहारों के मौसम में भारतीय रेलवे की स्थिति बेहद खराब हो गई है. आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर यात्री भारी भीड़ और अव्यवस्था का सामना कर रहे हैं. बुकिंग के बावजूद सीट न मिलना, बुजुर्गों और महिलाओं को ट्रेनों में चढ़ने में दिक्कत और टॉयलेट के पास बैठने की मजबूरी जैसी परेशानियों का सामना हो रहा है. क्या रेलवे की व्यवस्थाएं सुधारने का कोई तरीका है? जानिए इस रिपोर्ट में पूरी कहानी!
Railway Chaos During Festivals: त्योहारों का मौसम आते ही भारतीय रेलवे पर यात्रियों का दबाव बढ़ जाता है लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि इस भीड़-भाड़ में यात्रा करना कितना मुश्किल हो सकता है? हाल ही में, दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन की व्यवस्थाएं पूरी तरह से ध्वस्त दिखी.
टिकट लेकर भी, यात्रियों को अपनी यात्रा के दौरान कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. अगर आप भी इस वक्त ट्रेन से यात्रा करने का सोच रहे हैं, तो जान लीजिए कि स्थिति क्या है और क्या आप इस स्थिति से बच सकते हैं.
आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर फैली अव्यवस्था
आनंद विहार रेलवे स्टेशन की हालत इस समय बहुत खराब है. यहां की व्यवस्थाएं पूरी तरह से बिगड़ी हुई हैं. स्टेशन पर भारी भीड़ के कारण, यात्री खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे. महिलाएं और बुजुर्ग लोग ट्रेन में चढ़ने में नाकाम हो रहे, जबकि कई लोग अपनी सीट तक नहीं पहुंच पा रहे. टिकट लेने और सीट बुक करने के बावजूद, लोग खड़े-खड़े सफर करने को मजबूर हैं. यहां तक कि ट्रेन में जगह न मिलने के कारण लोग चलने के रास्ते पर बैठकर यात्रा करने लगे हैं.
एक महिला की दर्दनाक कहानी
एक महिला ने बताया कि वह अपनी एक साल की बच्ची के साथ दिल्ली से बिहार जा रही थी. उसके पास टिकट था, लेकिन ट्रेन की भीड़ इतनी ज्यादा थी कि वह अपनी सीट तक नहीं पहुंच पाई. महिला को मजबूरी में बच्चे के साथ टॉयलेट के पास बैठना पड़ा, क्योंकि अंदर इतनी भीड़ थी कि वह अपनी सीट तक पहुंच ही नहीं पा रही थी. वह इस बारे में चिंता जता रही थी कि भारी भीड़ के कारण उसकी बच्ची को चोट लगने का डर बना हुआ था.
महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को हो रही है सबसे ज्यादा परेशानी
जिन्हें विशेष देखभाल की आवश्यकता है, जैसे महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे, उनके लिए ये हालात और भी चुनौतीपूर्ण हैं. महिलाएं अकेले सफर कर रही हैं तो उन्हें छेड़छाड़ का सामना करना पड़ रहा है, जबकि बुजुर्ग लोग ट्रेन में चढ़ने में पूरी तरह असमर्थ हैं। इसके अलावा, खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं है और टॉयलेट की स्थिति भी बहुत खराब है. यात्रियों से 10 से 20 रुपए लेकर टॉयलेट की सुविधा दी जा रही है, जो अपने आप में एक और बड़ा सवाल खड़ा करता है.
अव्यवस्थाओं का कारण क्या है?
रेलवे की तरफ से यात्रियों की सुरक्षा और आराम को लेकर की गई व्यवस्थाएं फिलहाल पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही हैं. प्लेटफार्म पर जगह नहीं है, ट्रेनें भी तय समय पर नहीं पहुंच रही हैं और टिकट लेकर भी यात्रियों को अपनी सीट मिलना मुश्किल हो रहा है. इन परिस्थितियों में, यात्रियों को न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक तनाव भी सहना पड़ रहा है.
क्या यह स्थिति सुधारने की आवश्यकता है?
इन हालात को देखकर यह साफ होता है कि भारतीय रेलवे को अपनी व्यवस्थाओं पर गंभीरता से विचार करना होगा. अगर जल्दी ही सुधार की दिशा में कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले समय में यात्रा करना और भी कठिन हो सकता है. यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता देना समय की मांग है. ऐसे में, यात्रियों को त्योहारों के दौरान रेल यात्रा करने से पहले पूरी जानकारी लेकर ही यात्रा की योजना बनानी चाहिए.