Indian Railways: भारतीय रेलवे ने अपने नियमों में बदलाव करते हुए ट्रेन टिकटों की एडवांस बुकिंग की समय सीमा घटा दी है. ऐसे में अब यात्री 120 दिन के बजाय केवल 60 दिन पहले ही टिकट बुक कर सकेंगे. एडवांस आरक्षण की अवधि में ट्रेन के प्रस्थान का दिन शामिल नहीं है. ये नया नियम कथित तौर पर 1 नवंबर, 2024 से लागू होगा और इसका उन यात्रियों पर कोई असर नहीं होगा जिन्होंने पहले ही टिकट बुक कर लिया है.
मीडिया रिपोर्ट क्वे अनुसार, हालांकि, कुछ दिन चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों के मामले में नियमों में कोई बदलाव नहीं होगा, जहां वर्तमान में एडवांस आरक्षण के लिए कम समय सीमा लागू है. वहीं विदेशी पर्यटकों के लिए 365 दिन की समयावधि में भी कोई परिवर्तन नहीं होगा. कई रिपोर्टों के अनुसार, हर साल लगभग 30-35 करोड़ यात्री भारतीय रेलों में यात्रा करते हैं.
भारतीय रेलवे के नए नियमों के तहत अब यात्री 4 महीने (120 दिन) पहले टिकट बुक नहीं कर पाएंगे, बल्कि उन्हें अधिकतम 2 महीने (60 दिन) पहले ही अपनी सीट बुक करनी होगी. रेलवे बोर्ड ने 16 अक्टूबर 2024 को एक आधिकारिक पत्र जारी कर यह बदलाव किया. 1 नवंबर 2024 से यह नया नियम लागू हो जाएगा. रेलवे के सभी जोन के प्रिंसिपल चीफ कमर्शियल मैनेजरों को इस बदलाव का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं.
बता दें कि दिन के समय चलने वाली ट्रेनों जैसे ताज एक्सप्रेस और गोमती एक्सप्रेस पर यह नया नियम लागू नहीं होगा. इन ट्रेनों में पहले से ही कम आरक्षण समय सीमा लागू है. इसके साथ ही विदेशी पर्यटकों को 365 दिन पहले तक टिकट बुक करने की सुविधा में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है.
जो यात्री पहले से 120 दिनों के भीतर अपने टिकट बुक कर चुके हैं, उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। 31 अक्टूबर 2024 तक की सभी बुकिंग वैध रहेंगी. अगर किसी ने 60 दिनों से आगे की बुकिंग कर रखी है और उसे कैंसल करना चाहते हैं, तो उन्हें इसकी अनुमति दी जाएगी.
अब 1 नवंबर 2024 के बाद यात्री केवल 60 दिन पहले ही टिकट बुक कर सकेंगे. चार महीने पहले की बुकिंग अक्सर रद्द हो जाती थी, लेकिन दो महीने की एडवांस बुकिंग से टिकट रद्द होने की संभावना कम होगी, जिससे यात्रियों को अधिक सुविधा मिलेगी.
60 दिनों की आरक्षण अवधि से टिकट रद्द होने की संभावना कम हो जाती है. यात्री यात्रा की तारीख के करीब बुकिंग करेंगे, जिससे उनकी योजना पक्की होगी और अनावश्यक रद्दीकरण कम होगा. वर्तमान में लगभग 21% टिकट रद्द किए जाते हैं और 4-5% यात्री यात्रा नहीं करते हैं.
60 दिन पहले बुकिंग करने से यात्रियों को अधिक लचीलापन मिलता है. लंबे समय में योजनाओं में बदलाव की संभावना ज्यादा होती है, जबकि कम समय में योजनाएँ अधिक निश्चित होती हैं.
120 दिनों की एडवांस बुकिंग से दलाल और एजेंट अक्सर सीटें ब्लॉक कर लेते थे, जिससे सीटें जल्दी भर जाती थीं. 60 दिन की अवधि में ब्लॉकिंग की संभावना कम होगी, जिससे असली यात्रियों को सीटें आसानी से मिल सकेंगी.
कम आरक्षण अवधि से यात्री अपनी यात्रा की तारीख के करीब टिकट बुक करेंगे, जिससे सीटें लंबे समय तक उपलब्ध रह सकेंगी. इससे अंतिम समय में यात्रा की योजना बनाने वाले यात्रियों को अधिक लाभ होगा.
कम समय में बुकिंग करने से यात्रियों की यात्रा योजनाएँ अधिक स्पष्ट होंगी. इससे यात्रा की तारीख के पास होने वाले अनिश्चित बदलाव कम होंगे और यात्रियों को योजना के अनुसार यात्रा करने में आसानी होगी.
60 दिनों की बुकिंग अवधि से रेलवे को यात्रियों की मांग का बेहतर पूर्वानुमान लगाने का मौका मिलेगा. इससे रेलवे अपनी सेवाओं को बेहतर ढंग से संचालित कर सकेगा.
कम समय में बुकिंग करने से यात्रियों की यात्रा योजना कम बदलती है, जिससे टिकट कैंसिलेशन के जुर्माने से बचा जा सकता है. इससे यात्रियों को आर्थिक रूप से भी लाभ होगा. First Updated : Thursday, 17 October 2024