हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश कहर बनकर बरस रही है. मनाली, मंडी किन्नौर सहित कई पहाड़ी जिलों में भूस्खलन और भारी बारिश के चलते सड़कें, पुल और घरों को काफी नुकसान पहुंचा है. बारिश से अब तक राज्य में 88 लोगों की मौत हो चुकी हैं.
प्रदेश में आई तबाही के चलते कई लोगों का भारी नुकसान भी देखा गया है. इस मानसून में कितनों के घर टूट गए, साथ ही कितने लोग अपने परिवार से बिछड़ गए. 88 लोगों ने अपनी जान गंवा दी वहीं 16 लोग अभी भी लापता हैं और 100 घायल हुए हैं. इसके साथ ही प्रदेश भर में 492 जानवरों की भी मौत हो चुकी है.
जानकारी मिलते ही एनडीआरएफ, आईटीबीपी और होमगार्ड की टीम ने बचाव अभियान शुरू किया. खराब रास्ता होने के कारण टीम को एक स्कूल में रात बितानी पड़ी, लेकिन अगले दिन भारी बारिश के बीच टीमें मुलिंग पहुंची.
रस्सियों के जारिए फंसे हुए लोगों तक पहुंचने का आश्वासन दिया. 12 जुलाई को NDRF इंस्पेक्टर प्रेम कुमार नेगी के नेतृत्व में घटनास्थल पर पहुंची और चुनौतिपूर्ण हालातों में अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए 28 लोगों को सफलतापूर्वक बचाया.
सिस्यू में फंसे पर्यटकों को टालिंग गांव के रास्ते से बाहर निकाला गया, 150 से अधिक वाहन अटल टनल पार कर चुके हैं. चंद्रताल में फंसे लोगों को निकालने के लिए एक बड़ा बचाव दल गया है.लोगों को बचाने के लिए रेस्कयू ऑपरेशन जारी है. कुल्लू से अब तक 13 शवों को निकाला गया है. साथ ही सड़कों को बहाल करने का काम जारी कर दिया गया है. इसके साथ ही कंट्रोल रूम खुले हैं जिससे हमसे संपर्क किया जा रहा है. First Updated : Thursday, 13 July 2023