राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट बुधवार को दिल्ली पहुंचे है। पायलट के अनशन और प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी पर लगाए गए आरोपों से कांग्रेस हाईकमान काफी नाराज है। इसलिए पार्टी उच्च नेतृत्व ने सचिन पायलट को दिल्ली तलब किया है। चुनावी साल होने की वजह से सचिन पायलट पर कोई एक्शन लिया जाए या फिर बातचीत के जरिए समाधान निकाला जाए पार्टी इस पर विचार करेंगी।
सचिन पायलट के अनशन के बाद राजस्थान से लेकर दिल्ली तक सियासत तेज हो गई है। दरअसल, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने पूववर्ती वसुंधरा राजे की सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार को लेकर गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुए है। पायलट का आरोप है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की है और वे इस पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर अड़े हुए है।
राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर रंधावा की ओर से सचिन पायलट को पहले ही पार्टी विरोधी एक्टिविटी नहीं करने की चेतावनी दी थी। बावजूद सचिन पायलट ने मंगलवार को अनशन किया। इतना ही नहीं अनशन खत्म होने के बाद पार्टी पर कई आरोप लगाए है। इससे पहले प्रेस वार्ता में सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे के बीच गठजोड़ को लेकर सवाल खड़े किए थे। सचिन पायलट ने दावा किया है कि वसुंधरा राजे की सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार को लेकर उनकी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस हाईकमान का सचिन पायलट पर रुख अब भी नरम बना हुआ है। इस बीच अटकलें लगाई जा रही हैं कि पायलट कांग्रेस पार्टी छोड़ सकते है या फिर नई पार्टी बना सकते है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि वह नई पार्टी बनाएंगे या फिर किसी अन्य पार्टी में शामिल होंगे। राजस्थान कांग्रेस प्रभारी से सचिन पायलट की मुलाकात के बाद ही इसकी तस्वरी साफ हो सकती है।
दरअसल, सचिन पायलट ने कहा कि "वसुंधरा राजे के कार्यकाल में जब हम विपक्ष में थे तो हमने बहुत सारे घोटालों और भ्रष्टाचार के मामलों को उजागार किया था। हमने जनता से वादा किया था कि जब हम सरकार में आएंगे तब वसुंधरा राजे और भाजपा के शासन में तमाम जो घोटाले हुए उसके खिलाफ प्रभावशाली कार्रवाई करेंगे। अब जब हम सरकार में हैं, 4 साल से ज्यादा का समय बीत गया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।" पायलट का कहना है कि एक साल पहले सीएम गहलोत को चिट्ठी लिखी थी कि हमने जो आरोप लगाए हैं, उनकी जांच कराई जाए और इन घोटालों को जनता के सामने लाया जाए। बावजूद इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट मंगलवार को जयपुर में शहीद स्मारक पर एक दिन का अनशन किया था। पिछले दिनों पायलट ने राजस्थान विधानसभा चुनाव से ही अपनी सरकार के खिलाफ एक मोर्चा खोला दिया था। पायलट ने गहलोत सरकार से मांग की थी कि राज्य की पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार में कथित तौर पर हुए भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की जाए। पायलट के धरना स्थल पर सिर्फ महात्मा गांधी की तस्वीर लगी हुई थी। वहीं मंच पर लगी गांधी जी की तस्वीर के साथ लिखा हुआ था कि वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्टाचार के विरुद्ध अनशन में केवल समर्थक आएंगे। इस अनशन में पायलट ने अपने गुट के विधायकों और मंत्रियों को भी बुलाया है। First Updated : Wednesday, 12 April 2023