Rajasthan news: 1993 बम धमाकों को लेकर कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने बम धमाकों के मुख्य आरोपी अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया गया है. कोर्ट ने अब्दुल करीम टुंडा को किसी भी मामले में दोषी नहीं पाया है. ये फैसला राजस्थान के अजमेर की टाडा कोर्ट ने सुनाया है. हादसे के 31 साल बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. वहीं, इस मामले में कोर्ट ने जहां अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया है. दूसरी तरफ इरफान और हमीदुद्दीन को दोषी करार दिया गया. आपको बता दें कि करीम टुंडा को 2013 में नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया था.
करीम टुंडा के खिलाफ शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन में सीरियल बम ब्लास्ट का मामला 2014 से मामला चल रहा था. इसी पर आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. इसमें करीब 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. आपको बता दें कि करीम को साल 2013 में नेपाल बॉर्डर से पकड़ा गया था. करीम टुंडा 24 सितंबर 2023 से अजमेर जेल में बंद है.
वकील शफकत सुल्तानी ने जानकारी देते हुए कहा कि अब्दुल करीम टुंडा निर्दोष है, आज कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है. अब्दुल करीम टुंडा को सभी धाराओं और सभी कृत्यों से बरी कर दिया गया है. सीबीआई अभियोजन पक्ष कोई ठोस सबूत कोर्ट के सामने पेश नहीं कर सका. हम शुरू से कह रहे थे कि अब्दुल करीम टुंडा निर्दोष है.
6 दिसंबर 1993 को मस्जिद विध्वंस की पहली बरसी पर भारत के 5 बड़े शहर बम धमाकों से दहल गए थे. ये सिलसिलेवार बम धमाके लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद, सूरत और मुंबई की ट्रेनों में हुए थे. इस मामले की सुनवाई अजमेर की टाडा कोर्ट में हुई. इस दौरान कोर्ट में 570 गवाहों के बयान दर्ज किये गये. दोनों पक्षों के बीच बहस के बाद अब टाडा कोर्ट ने टुंडा को बरी कर दिया है. वहीं, सीबीआई का कहना है कि हम सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे. First Updated : Thursday, 29 February 2024