राजस्थान में लंबे इंतजार के बाद 12 दिसंबर को मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान हो गया. विधायक दल की बैठक में राजनाथ सिंह की अगुवाई वाली पर्यवेक्षक टीम ने आलाकमान द्वारा प्रस्तावित भजनलाल शर्मा का नाम आगे बढ़ाया. इसके 15 मिनट बाद ही सीएम के नाम पर मुहर लग गया.
राजस्थान में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान हो गया. बीजेपी हाईकमान ने भजन लाल शर्मा को सीएम बनाकर एक बार फिर सबको चौंका दिया. भजनलाल शर्मा को सीएम चुनकर बीजेपी ने नए नेतृत्व की सिर्फ शुरुवात नहीं की. इससे बीजेपी यूपी, मध्य प्रदेश, बिहार में भी अपना वोटरों को साधने की कोशिश की है. आपको बता दें कि यूपी में 12 फिसदी के आसपास ब्राह्मण वोट बताये जाते हैं. हिमाचल में 18 फिसदी, तो वहीं मध्य प्रदेश में 6 फिसदी. बिहार में चार फिसदी ब्राह्मण हैं.
दरअसल अभीतक 4 राज्यों में एक भी ब्राह्मण चेहरे को सीएम नहीं बने गया था. ब्राह्मण डिप्टी सीएम तो बने लेकिन मुख्यमंत्री नहीं. ऐसे में बीजेपी राजस्थान में ब्राह्मण को सीएम के पद पर चुनकर एक ही झटके में ये धरना तोड़ दिया कि ब्राह्मणों को डिप्टी सीएम के पद से ही संतोष करना पड़ेगा.
शुरू से ही लो प्रोफाइल रहने वाले भजनलाल शर्मा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत सरपंच के तौर पर की थी. इसके बाद वे पंचायत समिति के सदस्य भी बने. इसके बाद उन्होंने बीजेपी से टिकट मांगा लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला तो उन्होंने बागी बनकर चुनाव लड़ा लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गई.
इससे पहले वह पार्टी के जिला अध्यक्ष रह चुके हैं. संघ से नजदीकी का लाभ भी उन्हें मिला. राजस्थान के वर्तमान प्रांत प्रचारक निंबाराम कभी भारपुर में सह प्रांत प्रचारक के पद पर थे. ऐसे में वह संघ के करीब आने लगे.
भजन लाल शर्मा के सीएम बनने की इनसाइड स्टोरी कि अगर बात करें तो बता दें आपको कि बीजबीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा गोवर्धन परिक्रमा के लिए भरतपुर आते रहते हैं. जब वह जिला अध्यक्ष थे तो जेपी नड्डा के उनसे अच्छे संबंध माने जाते हैं. हालांकि उस वक्त नड्डा पार्टी अध्यक्ष नहीं थे. पीएम मोदी और शाह ने सीपी जोशी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के साथ ही भजनलाल को सीएम बनाने की पटकथा लिखी थी. बता दें कि सांगानेर सीट से बीजेपी ने जयपुर के पूर्व मेयर और निवर्तमान विधायक अशोक लाहोटी का टिकट काटकर भजनलाल शर्मा को उम्मीदवार बनाया था.
सांगानेर सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है. वहीं, ये पहले से ही तय था कि वसुंधरा को सीएम नहीं बनाया जाएगा. इसलिए पार्टी ऐसे चेहरे की तलाश में थी जो वसुंधरा और संघ की नजर में सबसे सही हो. बता दें कि पहले सीपी जोशी प्रदेशाध्यक्ष बने थे उन्होंने भजन को राज्य का महामंत्री बनाया. बताया जा रहा है कि भजन लाल की संघ और जोशी से करीबी के वजह से उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया गया.
इस तरह से राज्य में 33 साल बाद ब्राह्मण सीएम बना. इस तरह से भारतीय जनता पार्टी ने भजन लाल शर्मा को सीएम बनाकर ब्राह्मण समाज को साधने कि कोशिश की. साथ ही राजपूतों की नाराजगी से बचने के लिए उन्होंने दिया कुमारी को डिप्टी सीएम बनाया. दिया कुमारी के जरिये बीजेपी ने महिलाओं को भी साधने की कोशिश की है. प्रेम चाँद बैरवा के जरिये भाजपा ने दलितों को साधने कि कोशिश की है. First Updated : Wednesday, 13 December 2023