Ram Mandir: जिस मस्जिद में 500 सालों से पवित्र कुरान पढ़ी, वह हमारे पास नहीं... असदुद्दीन ओवैसी ने की युवाओं से ये अपील

Ram Mandir: ओवैसी ने कहा कि अपने समर्थन और ताकत बनाए रखें, साथ ही अपनी मस्जिदों को सलामत रखें. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि आने वाले समय में हमसे हमारी मस्जिदें छीन ली न जाए.

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Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा तारीख नजदीक आ गई है, इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने विवादित बयान दिया है. एक कार्यक्रम में युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार की गतिविधियों से सावधान रहना होगा और देश की मस्जिदों को आजाद रहने होगा. इस पूरे भाषण का एक वीडियो ओवैसी ने अपने सोशल साइट एक्स पर पोस्ट किया है. 

युवाओं से ओवैसी ने की अपील

बाबरी मस्जिद ढहाने के लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जिस मस्जिद में पिछले 500 सालों से पवित्र कुरान पढ़ी जाती थी, वह जगह अब उनके पास नहीं है. उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि मैं यूथ, से कहना चाह रहा हूं कि हमने अपनी मस्जिद खो दी और अब वहां किया हो रहा है? क्या आपको इस बात का दर्द नहीं होता है. उन्होंने आगे कहा कि देश तीन-चार मस्जिदों को लेकर लगातार साजिश रची जा रही है. जिसमें सुनहरी मस्जिद रह रही है. इसमें दिल्ली का भी मस्जिद शामिल है. वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद हमने एक मुकाम हासिल किया है. अब हमको इस बात ध्यान देना होगा और मुस्लमानों को सतर्क रहने की जरुरत होगी. 

हमें आज एकता दिखानी होगी: ओवैसी 

ओवैसी ने कहा कि अपने समर्थन और ताकत बनाए रखें, साथ ही अपनी मस्जिदों को सलामत रखें. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि आने वाले समय में हमसे हमारी मस्जिदें छीन ली न जाए. लेकिन युवाओं को इसबात का ध्यान रखना होगा कि गंभीरता के साथ इस बात विचार करेगा. क्योंकि आज का युवा कल बुजुर्ग होगा. हमें अपने मोहल्ले, पड़ोसी और अपने लोगों की मदद करती रहनी होगी. ताकत एकता से मिलती है और एकता वरदान है. 

राम मंदिर में होगा भगवान राम की मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा

बीजेपी नेता अमित मालवीय ने असदुद्दीन ओवैसी पर पलटवार करते हुए कहा कि हैदराबाद के सांसद वहीं कर रहे हैं जो जिसमें वह अपने आपको बेहतर समझते हैं. वह अयोध्या प्राण प्रतिष्ठा को सांप्रदायिकता का रंग देना चाहते हैं. उन्होंने आगे कहा कि हैदराबाद में साल 2020 में दो मस्जिदें (मस्जिद-ए-मोहम्मदी और मस्जिद-ए-हाशमी) सचिवालय बनाने के लिए ढाह दी गईं. ओवैसी इस शहर के सांसद हैं. लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा. वहां पर ओवैसी को मस्जिदों की याद क्यों नहीं आई थी?  First Updated : Tuesday, 02 January 2024