Explainer राजस्थान में बंपर वोटिंग के क्या हैं मायने ? बीजेपी सत्ता में आएगी या गहलोत अपनी कुर्सी बचाने में होंगे कामयाब
Bumper voting in Rajasthan election: राजस्थान में 2018 के मुकाबले इस बार 0.7 फीसदी ज्यादा मतदान हुआ है. इसके साथ ही चर्चा शुरू हो गई है कि अधिक मतदान होने पर बीजेपी की सरकार बनती है तो क्या इस बार बीजेपी सरकार बनाने जा रही है.
Bumper voting in Rajasthan election : राजस्थान विधानसभा की 200 में 199 सीटों पर शनिवार को वोटिंग संपन्न हो गई. 2018 के मुकाबले इस बार राजस्थान में ज्यादा लोग घरों से निकले और मतदान किया. अबकी बार राजस्थान में 74.13 फीसदी मतदान हुआ है. पिछली बार 74.06 फीसदी मतदान हुआ था. इस बार 2018 के मुकाबले 0.7 फीसदी ज्यादा मतदान हुआ है. इसके साथ ही चर्चा शुरू हो गई है कि राजस्थान में जब भी अधिक मतदान होता है तो बीजेपी की सरकार बनती है और कम मतदान होने पर कांग्रेस की सरकार बनती है. तो क्या इस बार बीजेपी की सरकार बनने वाली है लोगों के बीच इस तरह की चर्चा है. इसको समझने के लिए हम 1998 से 2018 तक के चुनावी परिणामों और वोट प्रतिशत पर एक नजर डालते हैं.
क्या कहते हैं पिछले पांच चुनावों के नतीजे
2013 में 75.04% फीसदी मतदान हुआ यह 2008 के मुकाबले करीब 9 फीसदी ज्यादा वोटिंग थी. इसमें बीजेपी को 163 सीटें और और कांग्रेस को 21 सीटें मिली और बीजेपी की सरकार बन गई. इसके बाद 2018 में मतदान फीसदी गिर गया और 74.06 फीसदी मतदान हुआ तब कांग्रेस को 100 सीटें और बीजेपी को 73 सीटें मिलीं और कांग्रेस की सरकार बना गई.
2023 की वोटिंग का किसे मिलेगा फायदा
इस साल यानी 2023 में विधानसभा चुनाव में अगर वोट प्रतिशत की बात करें तों 2018 में 74.06 फीसदी मतदान हुआ था, जबकि 2023 में 74.13 फीसदी मतदान हुआ. इस बार वोट प्रतिशत 2018 के मुकाबले 0.7 फीसदी बढ़ा है. अगर वोट प्रतिशत के बढ़ने को आधार बनाया जाए तो कहा जा सकता है बीजेपी राजस्थान में सत्ता में वापसी कर रही है. पिछले चुनावों का रिकार्ड यह भी कहता है कि जब 2-3 फीसदी अधिक वोटिंग होती है तभी बीजेपी की सरकार बनती है. इस बार 0.7 फीसदी मतदान बढ़ा है, जो बहुत अधिक बढ़त नहीं है. हो सकता है कि यह वोटिंग गहलोत सरकार की योजनाओं की वजह से मामूली तौर पर बढ़ी हो. या फिर बीजेपी ने राजस्थान में जिन मुद्दों को उठाया उसकी वजह से बढ़ा हो. दोनों वजहें हो सकती हैं.
किन जिलों में हुई बंपर वोटिंग
अबकी बार राजस्थान के पांच जिले ऐसे हैं, जहां पर 80 फीसदी से अधिक वोटिंग हुई है. वहीं 9 जिले ऐसे भी हैं, जहां 75 फीसदी से अधिक वोटिंग हुई है. राजस्थान में करीब 74 फीसदी से अधिक मतदान के बाद यह बात तो समझ में आ रही है कि लोगों ने अपने मताधिकार का अच्छा खासा इस्तेमाल किया है. लेकिन सवाल आज भी यही है कि राजस्थान में अबकी बार राज बदलता है या फिर रिवाज बदलता है. इस बार बांसवाड़ा, हनुमानगढ़, जैसलमेर, झालावर, प्रतापगढ़ में 80 फीसदी मतदान हुआ है.
कांग्रेस-बीजेपी के जीते के अपने-अपने दावे
मतदान के बाद राज्य में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां जीत के दावे कर रही हैं. हालांकि हार जीत का फैसला तीन दिसंबर को होगा. मतदान के बाद अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे ने बयान दिया है. दोनों जीत के प्रति आश्वस्थ नजर आ रहे हैं.
राजस्थान में कांग्रेस सरकार रिपीट होने जा रही है : गहलोत
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने मतदान करने के बाद कहा कि राज्य में मेरे चेहरे को देखकर लोगों ने मतदान किया है. राजस्थान में कांग्रेस सरकार रिपीट होने जा रही है, क्योंकि राज्य के मतदाताओं में अंडर करंट है. हालांकि सचिन पायलॉ ने गहलोत के विरोध में बयान दिया है. कहा कि एक अकेला आदमी राज्य में कांग्रेस को जीत नहीं दिला सकता. इसके साथ ही यह बात सामने आ गई है कि गहलोत और सचिन पायलट के बीच मनभेद अभी तक खत्म नहीं हुआ है.
राजस्थान में एक बार फिर कमल खिलने जा रहा है: वसुंधरा राजे
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मतदान करने के बाद राजस्थान में बीजेपी के जीत की बात कही. उन्होंने कहा कि राजस्थान में फिर से कमल खिलने जा रहा है. हम इसको लेकर उत्साहित हैं और हमें सिर्फ 3 दिसंबर का इंतजार है.
चुनाव में कौन से मुद्दे रहे हावी
कांग्रेस की ओर से अशोक गहलोत सरकार की लोक कल्याणकारी योजाएं, चिरंजीवी योजना, महिलाओं को 500 में सिलेंडर देने का वादा, कांग्रेस के घोषणा पत्र में 7 गारंटी, विकास का वादा. ओल्ड पेंशन का मुद्दा. किसानों की कर्जमाफी ये मुद्दे चर्चित रहे. वहीं बीजेपी ने राज्य में 450 रुपये में सिलेंडर देने का वादा किया. ध्रवीकरण को पूरा जोर लगाया. हिंदू-मुस्लिम, कन्हैया लाल हत्या को भुनाने की कोशिश, राहुल गांधी का विवादित बयान, लाल डायरी और भ्रष्टाचार का मुद्दा. पेपर लीक, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, कानून व्यवस्था को बीजेपी में मुद्दा बनाया.