Rajouri Encounter: जैसे ही सेना के जवान आतंकियों के करीब पहुंचते, स्नाइपर और आईईडी एक्सपर्ट माना जाने वाला लश्कर कमांडर कारी प्राकृतिक गुफा से फायरिंग शुरू कर देता था. इतना ही नहीं शहीद जवानों और अधिकारियों के शव उठाने में भी काफी समय लग जाता था क्योंकि जैसे ही जवान शहीद जवानों के शव उठाने जाते थे तो गुफा के अंदर से फायरिंग शुरू हो जाती थी.
मुठभेड़ के दौरान ड्रोन का इस्तेमाल
मुठभेड़ खत्म होने के बाद चल रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान जंगल में कई प्राकृतिक गुफाएं मिलीं. हालांकि सेना के जवान और आतंकियों की तलाश में जंगल में पूरी सतर्कता के साथ आगे बढ़ रहे हैं. मुठभेड़ के दौरान ड्रोन का भी इस्तेमाल किया गया.
सूत्रों के मुताबिक, 30 घंटे तक चली मुठभेड़ के दौरान जैसे ही सेना के जवान आतंकियों के करीब पहुंचते, स्नाइपर और आईईडी एक्सपर्ट माना जाने वाला लश्कर कमांडर कारी गुफा से फायरिंग शुरू कर देता था. इतना ही नहीं शहीद सैनिकों और अधिकारियों के शवों को उठाने में भी काफी समय लग जाता था क्योंकि जैसे ही सैनिक शव उठाने जाते थे तो गुफा के अंदर से गोलीबारी शुरू हो जाती थी.
पिछले गुरुवार सुबह सेना ने ड्रोन से गुफा की जगह की पहचान की और फिर रॉकेट लॉन्चर दागा और ड्रोन से विस्फोटक प्राकृतिक गुफा में फेंके, जिसके बाद दोनों आतंकी मारे गए. यदि गुफा का पता नहीं चलता तो आतंकी और अधिक नुकसान पहुंचाने की योजना बना रहे थे. आतंकियों ने अपना सारा सामान गुफा के अंदर रख दिया था. कई दिनों तक इसी गुफा में शरण ली थी. दोनों आतंकी खाने-पीने के लिए गुफा से बाहर आते थे और फिर दोबारा इसी गुफा में लौट आते थे. First Updated : Saturday, 25 November 2023