Rajya Sabha Elections 2024: महाराष्ट्र की तरह ही हिमाचल में भी होगा खेला? पहले भी कांग्रेस पर भारी पड़ चुकी है क्रॉस वोटिंग
Rajya Sabha Elections 2024: एक बार फिर से महाराष्ट्र की राजनीति में जो हुआ वो दोहराया जा सकता है. क्रास वोटिंग में हिमाचल प्रदेश बीजेपी बाजी मार सकती है.
हाइलाइट
- महाराष्ट्र में भी हो चुकी है क्रॉस वोटिंग
- उद्धव ठाकरे जैसा होगा सुक्खू का हाल?
Rajya Sabha Elections 2024: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की जाएगी, कहा जा रहा है कि कांग्रेस के लिए ये महंगी पड़ सकती है. इसकी आशंका इसलिए भी गहरा गई है क्योंकि सीएम सुक्खू को लेकर कांग्रेस विधायकों में नाराजगी की खबरें आ रही हैं. वहीं ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बुधवार को राज्यपाल से मुलाकात कर सकते हैं. इन सबके बीच सवाल उठ रहा है कि क्या सुक्खू का हाल भी महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे जैसा हो सकता है. 2022 में राज्यसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन गिर गया था. उस वक्त भी राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की गई थी.
बीजेपी ने कैसे जीती... हारी हुई बाजी?
राज्यसभा की 56 सीटों पर चुनाव होना था लेकिन 41 सीटों पर निर्विरोध सांसद चुन लिए गए. इसके बाद बीते दिन 3 राज्यों की 15 सीटों के लिए मतदान हुआ. सबसे दिलतस्प मुकाबला हिमाचल प्रदेश का रहा. जो मुकाबला एक दम आसान दिख रहा था वो एकदम से मुस्किल हो गया. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को अदाजा भी नही होगा कि जीती हुई बाजी हार जाएंगे. दरअसल, कांग्रेस के 6 विधायक बीजेपी को वोट के पाले में आ गए. इसमें 3 निर्दलीय विधायकों समेत कुल 9 वोट बीजेपी की झोली में गिरे. जो मैच 40-25 था वो अचानक 34-34 पर पहुंच गया. टाई ब्रेकर के बाद अभिषेक मनु सिंघवी बीजेपी हर्ष महाजन से हार गए और बीजेपी हारने वाली बाजी एक बार फिर से जीत गई.
महाराष्ट्र में क्या हुआ था?
जून 2022 में महाराष्ट्र की राजनीति में एकदम से बदलाव आया था. उस वक्त प्रदेश में उद्धव ठाकरे की सरकार थी, साथ ही गठबंधन के साथी एनसीपी और कांग्रेस भी शामिल थी. वो बीजेपी का साथ छोड़कर अपनी सरकार चला रहे थे. जून के महीने में 6 सीटों के लिए बीजेपी और महाविकास अघाड़ी के बीच टक्कर थी, जिसमें बीजेपी ने 6 में से 3 सीटों पर जीत हासिल की. इस रिजल्ट से ठाकरे के गठबंधन को तगड़ा झटका लगा था. उस दौरान एमवीए ने इल्जाम लगाया कि वोटों की गिनती करने में देरी की गई. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, पूर्व राज्य मंत्री अनिल बोंडे और धनंजय महाडिक बीजेपी से जीत हासिल करने वाले थे. वहीं, महाविकास अघाड़ी से संजय राउत, राकांपा के प्रफुल्ल पटेल और कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी ने जीत हासिल की. टोटल 284 वोटों में से गोयल को 48, बोंडे को 48, महाडिक को 41.56, राउत को 41, प्रतापगढ़ी को 44 और पटेल को 43 वोट मिले.
कैसे गिर गई सरकार?
11 जून 2022 को चुनाव के रिजल्ट सामने आए, इसके 10 दिन बाद यानी 21 जून को सीएम एकनाथ शिंदे अपने विधायकों के साथ गुजरात निकल गए. इसके बाद ही उद्धव सरकार को सत्ता से हटाने का केल शुरू हुआ. इसी बीच एकनाथ शिंदे को उनके पद से हटा दिया गया. इसके बाद उद्धव और शिंदे नाम से दो गुट तैयार हो गए. ये मामला इतना ज्यादा बढ़ गया था कि सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. 30 जून को बीजेपी और शिंदे गुट की शिवसेना और महाविकास अघाड़ी सरकार को अपना बहुमत साबित करना था लेकिन दो दिन पहले 28 जून को उद्धव ठाकरे ने सीएम पद से इस्तीफा दे देकर सबको हैरान कर दिया. इसके बाद बीजेपी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने मिलकर सरकार बनाई.
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