राम-बाम' मिलकर बंगाल में करवा रहे दंगे!- ईद के मौके पर ममता बनर्जी के बिगड़े बोल...बताया 'गंदा धर्म', जानिए क्या है पूरा बवाल
ममता बनर्जी ने ईद के मौके पर BJP और वामपंथियों पर राज्य में दंगे भड़काने का आरोप लगाया. उन्होंने BJP की 'गंदा धर्म' वाली राजनीति पर कड़ा हमला किया और कहा कि उनकी सरकार राज्य में कोई भी सांप्रदायिक तनाव नहीं होने देगी. BJP ने ममता के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी. जानें इस विवाद का असल मुद्दा और BJP का जवाब. पूरी खबर पढ़ें और जानें ममता के बयान का असर.

West Bengal: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में कोलकाता में ईद के मौके पर दिए अपने बयान से सियासी हलचल मचा दी. ममता ने भाजपा और वामपंथी दलों को मिलाकर कहा कि 'राम और बाम' अब एक साथ आ गए हैं और राज्य में सांप्रदायिक दंगे फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा का ‘गंदा धर्म’ हिंदुत्व के असली सिद्धांतों के खिलाफ है. ममता ने राज्य में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिशों को नाकाम करने की बात भी की और लोगों से अपील की कि वे उकसावे में न आएं.
क्या था ममता का बयान?
ईद-उल-फितर के अवसर पर ममता बनर्जी ने कोलकाता के रेड रोड पर आयोजित नमाज में भाग लिया और वहां बीजेपी और वामपंथी दलों के गठबंधन पर टिप्पणी करते हुए कहा, “राम बाम एक हो गए हैं, लाल और भगवा मिलकर राज्य में दंगे भड़काने की कोशिश कर रहे हैं.” ममता ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वे धार्मिक उन्माद को भड़काकर चुनावी फायदे के लिए इसे बढ़ावा दे रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि उनके लिए धर्म किसी के खिलाफ नफरत फैलाने का नहीं है. "हिंदू धर्म किसी दूसरे व्यक्ति के खिलाफ कटुता का उपदेश नहीं देता," ममता ने कहा.
भाजपा का हमला
ममता के बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने पूछा, "क्या ममता बनर्जी सनातन धर्म को 'गंदा धर्म' मानती हैं?" भाजपा नेता अमित मालवीय ने ममता के बयान को मुस्लिमों के प्रति नरमी और हिंदू धर्म को लेकर अपमानजनक बताया. उनका कहना था कि ममता बनर्जी ने ईद के मौके पर भड़काऊ बयान दिए और भाजपा को निशाना बनाया.
ममता की सफाई: 'गंदा धर्म' शब्द का मतलब था भाजपा की राजनीति
भाजपा के आरोपों का जवाब देते हुए, तृणमूल कांग्रेस के महासचिव कुणाल घोष ने ममता के बयान का बचाव करते हुए कहा कि ममता ने कभी हिंदू धर्म के खिलाफ कुछ नहीं कहा. उनका यह बयान भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ था, जिसमें धर्म को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
सांप्रदायिक एकता की अपील
ममता बनर्जी ने सभी धर्मों के अनुयायियों से अपील की कि वे एकजुट रहें और राज्य में कोई भी सांप्रदायिक दंगा न होने दें. उनके इस बयान को लेकर जहां भाजपा ने उन्हें घेरा, वहीं तृणमूल कांग्रेस ने ममता के बयान को साफ तौर पर भाजपा के खिलाफ राजनीति करने के रूप में पेश किया.
बंगाल में सियासी हलचल बढ़ी
ममता के इस बयान ने एक बार फिर बंगाल की राजनीति में उबाल ला दिया है. राज्य में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच सियासी टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है. इस सियासी संघर्ष ने बंगाल में न केवल सांप्रदायिक बल्कि राजनीतिक तनाव को भी जन्म दिया है. ममता ने जहां अपनी सरकार के समर्थकों से अपील की कि वे ऐसे उकसावे में न आएं, वहीं भाजपा और उसके नेता इस बयान को अपने चुनावी फायदे के लिए भुना रहे हैं. इस बयान के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बंगाल में कोई बड़ा राजनीतिक संकट पैदा होता है या यह महज एक बयान की हलचल बनकर रह जाएगा.