Ram Mandir: देश में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा के साथ नए युग की शुरूआत हो चुकी है. रामलला अब टेंट से उठकर अपने महल में विराजमान हो चुके हैं, जिसका साक्षी पूरा विश्व बना है. इस पूरे समारोह के बाद पीएम मोदी ने जनता संबोधन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि, यह क्षण अलौकिक है, 2024 का सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है.
अवध में प्रभु रामलला अपने महल में बीते दिन यानी सोमवार को विराजमान हो चुके हैं. गर्भगृह में रामलला का नया नाम " बालक राम" रखा गया है, सोने के सिंहासन पर बैठे स्वर्ण मुकुट पहने रामलला का मुख देखने में इतना मनमोहक था कि, उनके इस भव्य रूप से लोगों की निगाहें नहीं हट रह थी. उनके दिव्य दर्शन से राम भक्त निहाल हो गए. प्रभु राम के माथे पर सोने का मुकुट और कानों में कवच कुंडल, करधन माला सहित कई आभूषण पहनाए गए. वहीं उनके सारे आभूषणों का वजन लगभग 5 किलो है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर देश को लोगों का 35 मिनट तक संबोधन किया. उन्होंने कहा कि रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे, वह अब अपने महल में रहेंगे, मेरा पक्का विश्वास है कि रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा की अनुभूति देश-दुनिया के कोने-कोने में राम भक्तों को हो रही होगी.
वहीं आगे बताया कि, यह क्षण अलौकिक है, यह समय सबसे पवित्र है, यह माहौल, यह ऊर्जा, यह पल, प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद है. उनका कहना है कि, राम मंदिर भारत के उत्कर्ष-उदय का साक्षी बनेगा, मंदिर हमें सिखाता है कि लक्ष्य प्रमाणित हो, तो उसे हासिल किया जा सकता है.
प्रभु राम के हाथ में स्वर्ण जड़ित कोदंड धनुष था, भगवान राम ने प्रथम दर्शन पीत वस्त्र में दिए. रामलला की प्रतिमा पर अक्षत छिड़क कर उनका नाम "बालक राम" रखा गया. अवध में राम आए हैं, मेरे हनुमान आए हैं. मंदिर के यजमान अनिल मिश्र ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच प्रभु के आंखों की पट्टी हटाई. इसके बाद भगवान राम के विग्रह के ऊपर जल छिड़ककर कृष्णशिला में प्राण स्थापना की गई. First Updated : Tuesday, 23 January 2024