Ram Mandir: महल में पहुंचे अवध के राजकुमार, चांदी का छत्र भेंट कर लिया पीएम मोदी ने आशीर्वाद

Ram Mandir: पीएम नरेंद्र मोदी ने श्रीराम को 1008 रजत कमल चढ़ाया, 45 मिनट में अनुष्ठान की प्रक्रिया संपन्न हुई. वहीं इस भव्य नजारे को देख कर पूरा विश्व राममय हो उठा.

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Ram Mandir: अवध के राजकुमार कई सालों तक टेंट में रहने के बाद अपने भव्य महल में विराजमान हो चुके हैं. जिसके बाद देश में रामराज्य के साथ नए युग की स्थापना हो गई है. 500 साल की तपस्या के बाद बीते दिन यानी सोमवार को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा पूरे विधि- विधान के साथ हुई, और प्रभु राम अपने गर्भगृह में विराजमान हो गए हैं. पीएम नरेंद्र मोदी इस पूजा के प्रमुख यजमान बने. उन्होंने भगवान राम को चांदी का छत्र भेंट स्वरूप दिया.

प्रभु का नाम बालक राम

रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा पूरे विधि-विधान के साथ संपन्न हो चुकी है, प्रभु राम अपने महल में पहुंच चुके हैं, और उनका नया नाम बालक राम रखा गया है. वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने रामलला की आरती उतारी, साथ ही जगत के पालनहार को चांदी का छत्र भेंट स्वरूप अर्पित किया. इसके बाद मां सीता के प्रतीक स्वरूप को चुनरी चढ़ाई गई. इतना ही नहीं पीएम ने श्रीराम को 1008 रजत कमल चढ़ाया, और 45 मिनट तक अनुष्ठान किया. इस भव्य नजारे को देख कर पूरा विश्व राममय हो उठा. वहीं प्राण-प्रतिष्ठा के समय हेलिकॉप्टर से राम महल पर फूलों की वर्षा की गई.

पीएम के प्रवेश होते ही बजी शहनाई

प्रधानमंत्री मोदी ने जैसे ही राम मंदिर के परिसर में अपना कदम रखा, तो शहनाई, ढोल की मंगल धुन, शंख की झंकार चारों तरफ गूंजने लगीं. इस दौरान पीएम मोदी सुनहरे वस्त्र पहने हाथों में प्रभु राम के लिए उपहार लिए उपहार लिए हुए थे. गर्भगृह में प्रवेश के बाद भेंट को मंदिर के पुजारी को सौंप दिया गया. पीएम ने सबसे पहले रामलला के भाइयों की पूजा-अर्चना की. "जय श्री राम" की गूंज के साथ रामलला के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई.

प्राण प्रतिष्ठा के वक्त मौजूद लोग

रामलला के अनुष्ठान के वक्त गर्भगृह में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, यजमान डॉ. अनिल मिश्र मौजूद थे. वहीं प्राण-प्रतिष्ठा के समय गर्भगृह में पीएम के साथ कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि और जगद्गुरु विश्वेश प्रपन्न, राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास उपस्थित रहे. First Updated : Tuesday, 23 January 2024