वीडियो लिंक के जरिए हो सकती है राणा की सुनवाई, सुरक्षा कारणों से बदलाव
एनआईए और अन्य जांच एजेंसियों के अधिकारियों की एक टीम पिछले एक सप्ताह से अमेरिका में थी. वे अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रहे थे, जिसके बाद ही तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण संभव हुआ. सुप्रीम कोर्ट ने राणा के प्रत्यर्पण से बचने के आखिरी प्रयास को खारिज कर दिया, जिससे राणा को भारत लाने की प्रक्रिया पूरी हो सकी.

आतंकवादी तहव्वुर राणा को गुरुवार को भारत लाया जाएगा. कुछ दिन पहले अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा के प्रत्यर्पण से बचने के उसके आखिरी प्रयास को खारिज कर दिया था. राणा 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड है, जिसमें 150 से ज़्यादा लोग मारे गए थे. यह हमला भारत के लिए एक बड़ी त्रासदी साबित हुआ था, और राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में कई महीने की कानूनी लड़ाई चली.
भारत ने तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के लिए कई बार अमेरिका से संपर्क किया था. इस प्रक्रिया को अंततः फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा के दौरान मंजूरी मिल गई. इसके बाद एनआईए और अन्य जांच एजेंसियों के अधिकारियों की एक टीम अमेरिका में राणा के प्रत्यर्पण के लिए कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने में जुटी हुई थी. अब राणा को भारत लाने की पूरी प्रक्रिया अंतिम चरण में है.
एनआईए की कड़ी सुरक्षा और मेडिकल जांच
राणा को भारत लाए जाने के बाद उसे दिल्ली में एनआईए के मुख्यालय लाया जाएगा. यहां पर उसकी मेडिकल जांच कराई जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसे कोई बीमारी नहीं है. इसके बाद एनआईए राणा को अदालत में पेश कर उसकी हिरासत की मांग करेगी. सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा कारणों से राणा की सुनवाई वीडियो लिंक के जरिए हो सकती है. एनआईए की कोशिश होगी कि उसे अधिकतम हिरासत मिले, ताकि जांच में कोई रुकावट न आए.
तिहाड़ जेल में बढ़ाई जाएगी सुरक्षा
राणा के भारत आने के बाद उसे तिहाड़ जेल भेजा जाएगा, और इसके आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी जाएगी. फिलहाल, राणा को लॉस एंजिल्स के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर से शिफ्ट किया गया है, जहां से एनआईए और केंद्रीय एजेंसी के छह अधिकारी उसे भारत लाने के लिए एस्कॉर्ट करेंगे. यह ऑपरेशन पूरी तरह से गोपनीयता से संचालित हो रहा है, ताकि किसी प्रकार की कोई अप्रत्याशित घटना न हो.
अंतिम कदम और आगे की प्रक्रिया
राणा का प्रत्यर्पण भारतीय न्याय व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, और इस प्रक्रिया को लेकर दोनों देशों के अधिकारियों के बीच लगातार संपर्क बनाए रखा गया है. अब राणा के दिल्ली पहुंचने के बाद, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू होगी, और उम्मीद की जा रही है कि उसे जल्द ही भारतीय अदालत में पेश किया जाएगा.


