चूहों का विवाद, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर कर्मचारी की नौकरी गई

Delhi-Mumbai Expressway: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर एक जूनियर कर्मचारी ने सड़क के गड्ढे के लिए चूहों को जिम्मेदार ठहराया है, जिससे कंपनी केसीसी बिल्डकॉन ने उसे नौकरी से निकाल दिया. असल कारण पानी का रिसाव था, न कि चूहों का. इस विवाद ने दिखाया कि गलत जानकारी से कंपनी की छवि पर असर पड़ सकता है. चूहों का नाम अब भी चर्चा का विषय बना हुआ है.

JBT Desk
JBT Desk

Delhi-Mumbai Expressway: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर हाल ही में एक विवादास्पद टिप्पणी के चलते एक जूनियर कर्मचारी को नौकरी से निकाल दिया गया. इस कर्मचारी ने सड़क के गड्ढे के लिए चूहों को जिम्मेदार ठहराया था, जिससे न केवल कंपनी की छवि प्रभावित हुई, बल्कि इस मामले ने मीडिया में भी सुर्खियां बटोरीं. 

दरअसल कर्मचारी ने खुद को मेंटेनेंस मैनेजर बताते हुए कहा कि ज्यादा संभावनाएं ये हो सकती है कि चूहे या छोटे जानवरों ने गड्ढा खोदकर पानी भरने का कारण बने, जिससे सड़क धंस गई. यह बयान एक प्रमुख समाचार पत्रिका को दिए गए इंटरव्यू में आया है. उसकी इस बात ने त्वरित प्रतिक्रिया उत्पन्न की क्योंकि सड़क के धंसने का मामला गंभीरता से लिया गया था.

कंपनी का आधिकारिक बयान

कंपनी केसीसी बिल्डकॉन ने तुरंत इस टिप्पणी का खंडन किया. उन्होंने कहा कि यह बयान एक जूनियर कर्मचारी द्वारा दिया गया था, जिसे परियोजना के तकनीकी पहलुओं की कोई समझ नहीं थी. कंपनी ने स्पष्ट किया कि यह कर्मचारी वास्तव में मेंटेनेंस मैनेजर नहीं है और उसकी टिप्पणी तकनीकी जानकारी के अभाव में की गई थी. इसके बाद, उसे कंपनी से निकाल दिया गया.

सड़क धंसने का वास्तविक कारण

दौसा में एक्सप्रेसवे के परियोजना निदेशक बलवीर यादव ने इस मामले में स्थिति स्पष्ट की. उन्होंने बताया कि सड़क के धंसने का मुख्य कारण पानी का रिसाव था. ठेकेदार ने तुरंत मामले की जानकारी मिलने पर इलाके में बैरिकेडिंग कर दी और मरम्मत का काम शुरू कर दिया. इससे यह स्पष्ट हुआ कि चूहों का मामला केवल एक आडंबर था, जबकि असली समस्या पानी का रिसाव था.

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की विशेषताएं

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, जिसकी लंबाई 1,386 किलोमीटर है, भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है. यह एक्सप्रेसवे कई राज्यों—हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरता है. इसे इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा का समय 24 घंटे से घटाकर केवल 12-13 घंटे किया जा सके.

प्रगति और समय सीमा

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में राज्यसभा में जानकारी दी कि इस परियोजना का 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. उन्होंने बताया कि पूरी परियोजना के लिए कम से कम एक वर्ष और लगेगा. यह परियोजना न केवल समय की बचत करेगी बल्कि यह आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी, जिससे दोनों शहरों के बीच व्यापार और यात्रा की सुविधा बढ़ेगी. 

यह घटना यह दर्शाती है कि किसी भी निर्माण परियोजना में कर्मचारियों के बयानों का कितना महत्व होता है. गलत या भ्रामक जानकारी न केवल कंपनी की छवि को नुकसान पहुंचा सकती है, बल्कि इससे पूरे प्रोजेक्ट की प्रगति भी प्रभावित होती है. इसलिए यह आवश्यक है कि सभी कर्मचारियों को सही जानकारी और तकनीकी समझ प्रदान की जाए ताकि ऐसी स्थिति न बने.

calender
19 September 2024, 04:10 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

Subscribe to Our YouTube Channel!

Stay updated with our latest videos. Click the button below to subscribe now!