Ravi River water will not go to Pakistan: आखिरकार भारत सरकार ने रावी नदी के पानी को स्टोर करने के लिए पंजाब के शाहपुर कंडी में डैम बनाने में सफलता हासिल कर ली है. करीब 29 सालों के बाद पंजाब और जम्मू कश्मीर बॉर्डर के बीच शाहपुर कंडी परियोजना का काम पूरा हो गया है जिसके बाद अब भारत से पाकिस्तान की ओर जाने वाली रावी नदी के पानी को रोक दिया गया है. अब रावी नदी का एक बूंद पानी भी बर्बाद नहीं होगा.
बता दें कि, हर साल करीब 12 क्यूसेक पानी पाकिस्तान की ओर चला जाता है जिसका वहां कोई उपयोग नहीं होता था. वहीं बड़ी मात्रा में पानी बर्बाद होने से जम्मू कश्मीर के कठुआ, सांबा और पंजाब के कई इलाकों को सूखे का सामना करना पड़ता था.
रावी नदी का लगभग 2 मिलियन एकड़ फीट पानी अभी भी माधोपुर के नीचे पाकिस्तान में बिना उपयोग के बह रहा है. यानी जो पानी भारत से पाकिस्तान की ओर जा रहा है उसका उपयोग पाकिस्तान नहीं करता है इसलिए अब नदी के पानी को रोक दिया गया है. अब इस पानी का इस्तेमाल भारत सरकार अपने लाभ के लिए करेगी. रावी नदी भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में बहती है लेकिन इसकी शुरुआत हिमाचल प्रदेश राज्य के रोहतांग दर्रे के पास से होता है. यह नदी हिमाचल, जम्मू और कश्मीर, पंजाब से होते हुए पाकिस्तान में प्रवेश करती है.
साल 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि हुआ था. इस समझौते के बाद रावी, सतलुज और व्यास नदियों के पानी पर भारत को विशेष अधिकार मिला. तो वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों पर विशेष अधिकार मिला है. इसके बाद साल 1979 में पंजाब और जम्मू कश्मीर सरकारों के बीच एक समझौता हुआ. यह समझौते पाकिस्तान का पानी रोकने के लिए रंजीत सागर बांध और डाउनस्ट्रीम शाहपुर कंडी बैराज बनाने के लिए किया गया था. इस समझौते पर उस समय के तत्कालीन सीएम शेख मोहम्मद अब्दुल्ला और उनके पंजाब समकक्ष प्रकाश सिंह बादल ने हस्ताक्षर किए थे.
परियोजना के पूरा होने से भारत में न केवल भूमि की सिंचाई होगी, बल्कि साइट पर पर्यटकों को आकर्षित करने के अलावा लगभग 206 मेगावाट बिजली भी पैदा होगी. पंजाब इस परियोजना से उत्पन्न बिजली का प्रमुख लाभार्थी होगा. रवि तवी सिंचाई परिसर (आरटीआईसी) के कार्यकारी अभियंता अजीत कुमार ने पुष्टि की कि, तालाब बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और रणजीत सागर बांध से व्यवस्थित तरीके से शाहपुर-कांडी बैराज के लिए पानी छोड़ा जा रहा है. उन्होंने कहा कि शाहपुर कंडी बांध की आवश्यक ऊंचाई 90 दिनों के भीतर हासिल कर ली जाएगी. First Updated : Monday, 26 February 2024