RBI गवर्नर ने क्यों कहा,'मैं चााहता हूं कि हाथी जंगल में ही रहे', क्या है पूरा माजरा
RBI MPC: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के बयान ने लोगों को चौंका कर रख दिया है. दरअसल उन्होंने कहा कि "हाथ जंगल में टहलने गया है और RBI चाहता हैै कि वह टहलता ही रहे" जानें क्या है इसके पीछे का सही मतलब.
RBI MPC: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर ने शुक्रवार को पहली द्विमासिय मौद्रिक समीक्षा पेश की है. इस दौरान उन्होंने महंगाई को लेकर अच्छी बात कही है. दरअसल गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि इस साल मानसून सामान्य रहने की हालात में है. साथ ही महंगाई 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है. जबकि की ये पिछले साल के मुकाबले बहुत कम है.
वहीं गवर्नर कहते हैं कि लगता है हाथी टहलने गया है और आरबीआई चाहता है कि वह अब हमेशा के लिए जंगल में ही टहलते रहे. आगे शक्तिकांत दास कहते है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इस वर्ष सूचकांक आधरित मुद्रास्फीती को 4 फीसदी रखने का लक्ष्य लेकर चल रहा है.
देश की महंगाई 4.5 प्रतिशत होने की आशंका
आरबाआई की तरफ से वित्त वर्ष महंगाई का अनुमान 4.5 फीसदी रखा गया है. जो कि पिछले साल के मुकाबले 5.4 फीसदी कम है, इसका मलतब है कि इस वर्ष महंगाई मे कमी आएगी. इस खबर को सुनकर लोगों में खुशी की लहर है. आरबाआई के मुताबिक पहली मुद्रास्फीति के 4.9 %, दूसरी मुद्रास्फीति 3.8 %, तीसरी मुद्रास्फीति 4.6 %, चौथी मुद्रास्फीति 4.5 % है. गवर्नर ने कहा कि आने वाले अप्रैल व जून के तापमान को ध्यान में रखकर खाद्य पदार्थों के रेट पर विषेश ध्यान देने की जरूरत है. इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि ईंधन की कीमतों में कमी का सीधा असर आने वाले महीनों की मुद्रास्फीति पर देखने को मिलेगा.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास का कहना है कि ग्रामीणों की मांग गति तेज हो रही है. इसलिए विनिर्माण क्षेत्र में निरंतर वृद्धि मिलना चाहिए, अगर ऐसा नहीं हुआ तो देश की सकल घरेलू उत्पाद की वास्तविक वृद्धि दर 2024-25 में 7 फीसदी के आस-पास रह सकती है.