Manipur Violence: हिंसा की आग में क्यों झुलस रहा मणिपुर, जानिए इस घटना की असली कहानी

Manipur Violence: मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच बीते ढाई महीनों से जारी हिंसक संघर्ष के बीच बीते बुधवार मणिपुर की दो महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न का एक भयावह वीडियो सामने आया है, जो देश को शर्मसार कर दिया है.

Manoj Aarya
Edited By: Manoj Aarya

हाइलाइट

  • हिंसा की आग में झुलस रहा मणिपुर
  • मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसक संघर्ष जारी
  • दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने का वीडियो वायरल

Manipur Violence: मणिपुर में पिछले 83 दिनों से हिंसा जारी है. इस बीच कुछ ऐसी वीडियो सामने आए हैं, जिसने पूरे देश को दहला दिया है. इस वीडियो में कुकी समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके सड़क पर घुमाते हुए दिखाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM MODI) ने भी इसकी निंदा की. उन्होंने कहा कि दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने केंद्र और राज्य सरकार को सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस ने यहां तक कह दिया कि या तो सरकार कार्रवाई करे, नहीं तो हम खुद इस मामले में हस्तक्षेप करेंगे.

मणिपुर में क्यों भड़की हिंसा?

इस हिंसा को सही रूप से समझने के लिए मणिपुर का भौगोलिक स्थिति को जानना बहुत आवश्यक है. दरअसल, मणिपुर की राजधानी इम्फाल बिल्कुल बीच में है. ये पूरे प्रदेश का 10% हिस्सा है, जिसमें प्रदेश की 57% आबादी रहती है. बाकी चारों तरफ 90% हिस्से में पहाड़ी इलाके हैं, जहां प्रदेश की 43% आबादी रहती है.

इम्फाल घाटी वाले इलाके में मैतेई समुदाय की आबादी ज्यादा है. ये ज्यादातर हिंदू होते हैं. मणिपुर की कुल आबादी में इनकी हिस्सेदारी करीब 53% है. आंकड़ों में देखें तो सूबे के कुल 60 विधायकों में से 40 विधायक मैतेई समुदाय से ही हैं. वहीं, दूसरी ओर पहाड़ी इलाकों में 33 मान्यता प्राप्त जनजातियां रहती हैं. इनमें प्रमुख रूप से नगा और कुकी जनजाति हैं. ये दोनों जनजातियां मुख्य रूप से ईसाई हैं. इसके अलावा मणिपुर में आठ-आठ प्रतिशत आबादी मुस्लिम और सनमही समुदाय की है.

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 371C के तहत मणिपुर की पहाड़ी जनजातियों को विशेष दर्जा और सुविधाएं मिली हुई हैं, जो मैतेई समुदाय को नहीं मिलती. 'लैंड रिफॉर्म एक्ट' की वजह से मैतेई समुदाय पहाड़ी इलाकों में जमीन खरीदकर बस नहीं सकता. जबकि जनजातियों पर पहाड़ी इलाके से घाटी में आकर बसने पर कोई रोक नहीं है. इससे दोनों समुदायों में मतभेद बढ़े हैं.

कब हुई हिंसा की शुरूआत?

मौजूदा तनाव की शुरुआत चुराचंदपुर जिले से हुई. ये राजधानी इम्फाल के दक्षिण में करीब 63 किलोमीटर की दूरी पर है. इस जिले में कुकी आदिवासी ज्यादा हैं. गवर्नमेंट लैंड सर्वे के विरोध में 28 अप्रैल को द इंडिजेनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने चुराचंदपुर में आठ घंटे बंद का ऐलान किया था. देखते ही देखते इस बंद ने हिंसक रूप ले लिया. उसी रात तुइबोंग एरिया में उपद्रवियों ने वन विभाग के ऑफिस को आग के हवाले कर दिया. जबकि 27-28 अप्रैल को हुई हिंसा में मुख्य तौर पर पुलिस और कुकी आदिवासी आमने-सामने थे.

इसके ठीक पांचवें दिन यानी तीन मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (ATSUM) ने 'आदिवासी एकता मार्च' निकाला. ये मैतेई समुदाय को एसटी का दर्जा देने के विरोध में था. यहीं से स्थिति काफी बिगड़ गई. आदिवासियों के इस प्रदर्शन के विरोध में मैतेई समुदाय के लोग खड़े हो गए. लड़ाई के तीन पक्ष हो गए.

एक तरफ मैतेई समुदाय के लोग थे तो दूसरी ओर कुकी और नगा समुदाय के लोग. देखते ही देखते पूरा प्रदेश इस हिंसा की आग में जलने लगा. चार मई को चुराचंदपुर में मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की एक रैली होने वाली थी. पूरी तैयारी भी हो गई थी, लेकिन रात में ही उपद्रवियों ने टेंट और कार्यक्रम स्थल पर आग लगा दी. जिसके बाद सीएम का कार्यक्रम स्थगित हो गया. अब तक इस हिंसा के चलते 150 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. तीन हजार से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. 

ये है हिंसा के तीन मुख्य कारण:

  1. मैतेई समुदाय के एसटी दर्जे का विरोध
  2.  सरकार की अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई
  3. कुकी विद्रोही संगठनों द्वारा सरकार से हुए समझौते को तोड़ना

 

मैतई समुदाय पर महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का आरोप

रिपोर्ट्स के मुताबिक, वायरल वीडियो में जिन दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाया जा रहा है, वो कुकी समुदाय की हैं. यह वीडियो चार मई का बताया जा रहा है, जब हिंसा शुरुआती चरण में था. महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने का आरोप मैतई समुदाय के लोगों पर लगा है.

इस मामले में पुलिस ने अज्ञात हथियारबंद बदमाशों के खिलाफ थौबल जिले के नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का मामला दर्ज किया है और मुख्य आरोपियों में से एक को गिरफ्तार कर लिया है. उधर, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने भी मामले की जांच के लिए अलग टीम गठित कर दी है. केंद्र सरकार ने भी राज्य सरकार से इस मसले पर रिपोर्ट मांगी है. केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी ने भी इस मामले पर मुख्यमंत्री से बात की. 

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20 July 2023, 01:09 PM IST

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