Sambhal Violence Update: संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा के बाद योगी सरकार अब सख्त कदम उठाने जा रही है. सरकार उपद्रवियों और पत्थरबाजों के खिलाफ एक नया अध्यादेश लाने जा रही है. इस अध्यादेश के तहत, हिंसा में शामिल लोगों के पोस्टर सार्वजनिक स्थानों पर लगाए जाएंगे. साथ ही, हिंसा के दौरान निजी और सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई भी उपद्रवियों से की जाएगी. इसके अलावा, सरकार इन उपद्रवियों पर इनाम भी घोषित कर सकती है.
अब तक पुलिस ने 21 आरोपियों के पोस्टर जारी किए हैं, जिनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं. पुलिस अधीक्षक के अनुसार, 100 से अधिक उपद्रवियों की पहचान की जा चुकी है.
योगी सरकार ने पहले भी ऐसे कदम उठाए हैं. दिसंबर 2019 में CAA के विरोध में यूपी के कई हिस्सों में हिंसा हुई थी. तब भी सरकार ने उपद्रवियों के पोस्टर सार्वजनिक स्थलों पर लगाए थे और उनसे नुकसान की वसूली के नोटिस भेजे थे. उस वक्त इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने पोस्टर लगाने पर रोक लगा दी थी. फिर सरकार ने यह नया अध्यादेश जारी किया, जो अब संभल हिंसा के बाद लागू किया जाएगा.
संभल हिंसा के मामले में अब तक 12 FIR दर्ज की जा चुकी हैं. इनमें सांसद जिया उर रहमान बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल को आरोपी बनाया गया है. साथ ही, 2700 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए हैं. पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज और वीडियो के आधार पर उपद्रवियों की पहचान कर रही है.
24 नवंबर को जब जामा मस्जिद का सर्वे करने के लिए एक टीम पहुंची, तो वहां भीड़ ने पत्थरबाजी और फायरिंग की. इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी. विपक्षी दलों का कहना है कि यह मौतें पुलिस की गोली से हुईं, जबकि पुलिस का कहना है कि उसकी तरफ से कोई गोली नहीं चलाई गई. इस हिंसा के बाद पुलिस और प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया है और उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है. First Updated : Wednesday, 27 November 2024