India-China Relations: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग नई दिल्ली में जी-20 सम्मेलन में भाग लेने के लिए नहीं आ रहे हैं, इसको लेकर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे थे. अब चीनी विदेश मंत्रालय से जवाब सामने आया है. चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि शी जिनपिंग भारत में हो रहे हाई-प्रोफाइल वैश्विक कार्यक्रम का समर्थन करते हैं और इसे सफल बनाने के लिए सभी पक्षों के साथ काम करने के लिए तैयार हैं.
बता दें कि चीन ने कुछ दिनों पहले घोषणा की थी कि भारत में हो रहे वैश्विक कार्यक्रम में प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रधानमंत्री ली क्यांग आ रहे हैं. वहीं, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग से पूछा गया कि क्या राष्ट्रपति की जगह प्रधानमंत्री को भेजना दोनों देशों के बीच तनाव को दर्शाता है? इसके जवाब में प्रवक्ता ने कहा कि भारत और चीन के संबंध स्थिर हैं और दोनों देशों के बीच कई स्तरों पर बातचीत बनाए हुए हैं.
सीमा विवाद के मामले पर प्रत्यक्ष रूप से बात न करते हुए प्रवक्ता ने कहा कि, चीन-भारत के बीच संबंध बेहतर और सुधार दोनों देशों के साझा हितों को पूरा करता है. हम द्विपक्षीय संबंधों को और बेहतर करने के लिए कई क्षेत्रों में काम करने के लिए तैयार हैं. जी-20 शिखर सम्मेलन पर चीन के प्रवक्ता ने साफतौर से कहा कि चीन हमेशा से इस मंच को औपचारिक रूप से गंभीरता के साथ लेता रहा है और आगे भी इसके साथ सक्रिय रूप से काम करने के लिए तैयार है.
जून 2020 से लद्दाख की गलवान घाटी में झड़प के बाद से भारत और चीन के बीच संबंधों लेकर तनातनी चल रही थी. पूर्वी लद्दाख में कई बिंदुओं पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच तीन साल से टकराव चल रहा है. जबकि दोनों देशों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से अपनी सेनाएं भी पीछे हटाई है. भारत लगातार कहता रहा है कि एलएसी पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए संबंधों को सामान्य बनाना महत्वपूर्ण है.
First Updated : Wednesday, 06 September 2023