Indian Navy Officials in Qatar: विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार (22 दिसंबर) को कहा कि कतर की एक अदालत ने आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों द्वारा दायर अपील पर तीन बार सुनवाई की है. पूर्व कर्मचारियों की ओर से उन्हें दी गई मौत की सजा के खिलाफ कतर कोर्ट में अपील दायर की गई थी. बागची ने कहा कि भारत उन्हें सुरक्षित वापस लाने के लिए काम कर रहा है. आठ पूर्व कर्मचारियों को जासूसी मामले में जेल भेजा गया है.
अरिंदम बागची ने मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि कतर के शासक ने 18 दिसंबर को देश के राष्ट्रीय दिवस के मौके पर भारतीय नागरिकों समेत कई कैदियों को माफ कर दिया. लेकिन भारतीय पक्ष को अभी तक उन लोगों की पहचान नहीं मालूम है जिन्हें माफ़ कर दिया गया है. यही वजह है कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि माफी पाने वालों में कतर में मौत की सजा भुगत रहे आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मी भी शामिल हैं या नहीं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय नागरिकों से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए अरिंदम बागची ने कहा, 'यह मामला अब कतर की अपील अदालत में है और यहां 23 नवंबर, 30 नवंबर और 7 दिसंबर को तीन बार सुनवाई हुई. इस बीच दोहा में मौजूद हमारे राजदूत को 3 दिसंबर को इन सभी लोगों से मिलने के लिए कॉन्सुलर एक्सेस मिल गया. इसके अलावा अभी मेरे पास साझा करने के लिए कुछ भी नहीं है.'
बागची ने आगे कहा कि भारतीय पक्ष को उन लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं है जिन्हें कतर के शासक ने 18 दिसंबर को माफ कर दिया था. उन्होंने कहा, 'हमारे पास निश्चित रूप से कोई संकेत नहीं है कि ये आठ लोग शामिल हैं और जैसा कि आप जानते हैं, मामला चल रहा है और मैं करूंगा. थोड़ा आश्चर्य होगा कि यह (माफ़ी दी जाएगी) जबकि मामला चल रहा है, मैं बस इतना जानता हूं कि इसमें कुछ भारतीय भी हैं.'
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'हमने पहले भी कहा है कि यह गंभीर मामला है, जिस पर हम काम कर रहे हैं. हम इस पर विचार कर रहे हैं कि कैसे अपने लोगों को जल्द से जल्द भारत वापस लाया जाए। हम इसी पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।' First Updated : Friday, 22 December 2023