एक मंच पर दो विपक्षी ! बंद कमरे में होगी रेवंत रेड्डी और चंद्रबाबू नायडू की मीटिंग; क्या दिल्ली को करनी चाहिए चिंता?

Revanth Reddy Chandrababu Naidu Meeting: दिल्ली में NDA की सरकार बने अभी एक महीने भी नहीं हुआ. इससे पहले साउथ के दो राज्यों की करीबी ने कयासों को जन्म दे दिया है. NDA के सहयोगी और आंध्र प्रदेश के CM चंद्रबाबू नायडू की मुलाकात कांग्रेस नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के बीच हैदराबाद में मुलाकात होने जा रही है. आइये जानें इस बैठक का मुद्दा क्या है और इसका दिल्ली में क्या असर हो सकता है.

JBT Desk
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Revanth Reddy Chandrababu Naidu Meeting: लोकसभा चुनाव 2024 के साथ ही आंध्र प्रदेश में विधानसभा के लिए चुनाव कराए गए. इसमें चंद्रबाबू नायडू TDP, पवन कल्याण की जनसेना और BJP के NDA गठबंधन का बहुमत मिला. चंद्रबाबू के पुराने रिकॉर्ड के कारण केंद्र और राज्य में सरकार के गठन के बाद से ही चर्चाओं का बाजार गर्म रहा. इस बीच अब तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से हैदराबाद में मीटिंग करने जा रहे हैं. ऐसे में एक बार फिर से सियासी बाजार में गर्मी और गई है. आइये जानें इस बैठक का मुद्दा क्या है और चर्चाओं का बाजार क्यों गर्म हो रहा है?

मुलाकात की पहल CM चंद्रबाबू नायडू ने की थी. इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को पत्र लिखा था. इसके जवाब में रेड्डी ने उन्हें पत्र लिख 6 जुलाई को हैदराबाद आमंत्रित किया है. उन्होंने लिखा कि आपसी सहयोग और विचारों के आदान-प्रदान के लिए बैठक आवश्यक है. मुझे तेलंगाना के लोगों और उनकी सरकार की तरफ से 6 जुलाई को हैदराबाद के महात्मा ज्योति राव फुले भवन में CM नायडू को आमंत्रित करते हुए खुशी हो रही है.

क्या है मुद्दा?

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के विभाजन अधिनियम से लंबित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए दोनों मुख्यमंत्री एक मंच पर आ रहे हैं. जाहिर है कि आंध्र प्रदेश के विभाजन को 10 साल हो चुके हैं. पुनर्गठन अधिनियम में कई बिंदु ऐसे थे जिन पर अभी तक हल नहीं निकल पाया है. ऐसे में दोनों राज्यों की सरकार चाहती हैं कि इनपर तसल्ली से बात कर ली जाए और सौहार्दपूर्ण ढंग से सभी मामले सुलझा लिए जाएं.

अभी दोनों राज्यों के बीच सबसे बड़ा मुद्दा साझा राजधानी के रूप में हैदराबाद का है. क्योंकि, 2 जून 2024 के बाद संयुक्त राजधानी की समय सीमा खत्म हो गई है. दोनों राज्यों के बीच अधिनियम की अनुसूची-9 और अनुसूची-10 में सूचीबद्ध संस्थानों और निगमों के विभाजन का मामला अभी तक नहीं सुलझा. संपत्तियों के बंटवारे, बिजली बिल बकाया जैसे कई मुद्दे हैं जिनको लेकर हैदराबाद में बात बन सकती है.

चर्चाओं का बाजार क्यों बना?

दरअसल, कांग्रेस में ज्वाइन करने से पहले रेड्डी तेलुगु देशम पार्टी का हिस्सा थे. इस दौरान उन्होंने नायडू के साथ काम किया था. दोनों नेताओं के करीबी की चर्चा होती रही है. ऐसे में उनकी मुलाकात कुछ लोग और ही मायने निकाल रहे हैं. खैर दोनों नेताओं के पत्राचार में ये साफ किया गया है कि वो विभाजन एक्ट के मुद्दों पर बात करने वाले हैं.

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03 July 2024, 01:55 PM IST

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