चेन्नई अपोलो हॉस्पिटल में सफल हुई रोबोटिक सर्जरी, महिला की गर्दन से ट्यूमर को निकाला बाहर
चेन्नई के अपोलो अस्पताल में एक महिला की गर्दन से ट्यूमर को निकालने के लिए रोबोटिक सर्जरी की गई है। इस सर्जरी के दौरान महिला की गर्दन पर कोई भी निशान नहीं आया। इस तरह की सर्जरी देश में पहली बार की गई है।
देश में पहली बार चेन्नई के अपोलो अस्पताल में एक महिला की लार ग्रंथि पर 8 सेमी आकार के बड़े ट्यूमर को निकालने के लिए रोबोटिक सर्जरी की गई है। हालांकि यह सर्जरी सफल भी हुई और महिला की गर्दन पर कोई भी निशान नहीं आया है।
अपोलो अस्पताल में सफल हुई रोबोटिक सर्जरी
अपोलो अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक यह सर्जरी अपोलो अस्पताल में रोबोटिक ENT हेड एंड नेक ऑन्कोलॉजी के क्लिनिकल हेड डॉ. वेंकट कार्तिकेयन सी ने किया है। उन्होंने अबतक इस तरह की 125 सर्जरी की है। अपनी सर्जरी की सफलता पर बात करते हुए डॉ. वेंकट कार्तिकेयन ने कहा कि एक महिला (विजयलक्ष्मी) अपोलो अस्पताल में अपनी गर्दन के दाहिने ओर एक बड़े ट्यूमर का इलाज कराने पहुंची थी। यह सर्जरी देश में पहली बार की गई है। राही-अप्रोच रोबोटिक सर्जरी की है। यह सर्जरी गर्दन पर बिना किसी निशाने छोड़े सफल किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि ENT के क्षेत्र में यह सर्जरी (रोबोटिक) हेड-नेक सर्जरी का उभरता हुआ उप-विशेषता है। जिसे बिना किसी दृश्य निशान छोड़े गले के कैंसर के लिए ट्रांस ओरल रोबोटिक सर्जरी किया गया है।
डॉ. वेंकट कार्तिकेयन ने कहा कि ये सर्जरी उच्च आवर्धन और बेहतर कॉस्मेसिस के तहत एंडोस्कोपिक गर्दन की सर्जरी करने में सहायता करता है, जिससे गर्दन पर कोई निशान नहीं रहता है। यह उन लोगों के लिए एक आदर्श उपचार है जिन्हें थायरॉयड,पैरानायड ग्रंथियों पैराफेरी जियल स्पेस ट्यूमर, सब माँडिल ग्रंथि को हटाने और सौम्य गर्दन के सूजन को हटाने जैसे ब्रोन्कियल क्लेफ्ट सिस्टम और मेटास्टैटिक सर्वाइकल लिम्फ नोड्स के लिए गर्दन के विच्छेदन के लिए उपचार की आवश्यकता होती है।