Advocates Amendment Bill, 2023: अदालतों में अब दलालों की भूमिका को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने कमर कस ली है, सोमवार को लोकसभा में अधिवक्ता संशोधन विधेयक, 2023 को मंजूरी मिल गई है. राज्यसभा में पिछले मानसूत्र सत्र में ही पास हो गया था. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में कहा था कि अब ऐसे बिचौलियों की अदालतों में कोई जगह नहीं होगी.
सोमवार से शुरू हुए भारी हंगामे के बीच शीतकालिन सत्र में सरकार ने निचले सदन में बहस के बाद इस विधेयक को पारित करवा लिया. लोकसभा में बिल प्रस्तुत करने के बाद कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के जवाब के बाद यह बिल ध्वनिमत से पारित हो गया. विधेयक में साफतौर से कहा गया है कि प्रत्येक हाईकोर्ट और जिला जज दलालों की एक सूची जारी कर सकता है.
लोकसभा में बिल पर चर्चा के दौरान कानून मंत्री मेघवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने यह तय किया है कि उन अंग्रेजी कानून को तेजी से खत्म किया जाए, जो आज की परिस्थिति में बहुत अनुपयोगी है. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में सरकार ने 1486 कानूनों को निरस्त किए हैं. जबकि पिछली सरकार ने एक भी अनुपयोगी कानून के खत्म नहीं किया. वहीं, दूसरी ओर कांति चिदंबरम में ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए लोकसभा में कहा कि छोटी अदालतों में छोटे-छोटे दलालों को पकड़ने के साथ बड़ी अदालतों में बड़ी मछली को पकड़ने का काम भी सरकार की तरफ से होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस विधेयक का समर्थन करती है, लेकिन जटिल सांविधानिक प्रक्रिया और सामाजिक असमानता के कारण ऐसा बिचौलियों का जन्म होता है. बीजेपी के सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा कि अदालतों के अंदर दलालों के चक्कर में सबसे ज्यादा गांव के अशिक्षित और गरीब लोग फंसते हैं.
सांसद ने कहा कि जब इस देश में पीएम मोदी ने स्वच्छ अभियान चलाया है, तो अदालतें भी इससे अछूती क्यों रहे. वहां भी साफ-सफाई काम चलता रहना चाहिए. इस बिल के माध्यम से अदालतों में दलालों की पहचान करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने काम किया जाएगा. First Updated : Tuesday, 05 December 2023