RSS के 99 साल हुए पूरे, अब तक कौन-कौन बने सरसंघचालक? जानिए संघ के नियम और सिद्धांत
RSS History: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भारत का एक प्रमुख सांस्कृतिक और सामाजिक संगठन है. इसका उद्देश्य भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट करके राष्ट्रीयता, संस्कृति और सभ्यता का पुनर्जागरण करना है. इसका मुख्य ध्यान हिंदू समाज के संगठन पर है. आज इस संगठन का 99 साल पूरा हो रहा है. तो चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
RSS Foundation Day: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) आज 99 साल का हो गया. आज से करीब 99 साल पहले आज ही के दिन पांच स्वयंसेवकों के साथ डॉ. बलराम कृष्ण हेडगेवार ने इसकी शुरुआत की थी. आज संघ के लाखों स्वयंसेवक हैं. संघ के मुताबिक ब्रिटेन, अमेरिका, फिनलैंड, मॉरीशस समेत 39 देशों में भी है. विदेशो में संघ की शाखाओं में ड्रेस कोड भी अलग होता है. RSS का मुख्य उद्देश्य हिंदू समाज का संगठन, चरित्र निर्माण, और राष्ट्रवादी भावना को मजबूत करना है.
बता दें कि, RSS की स्थापना 27 सितंबर 1925 को विजयादशमी (दशहरा) के दिन नागपुर, महाराष्ट्र में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा की गई थी. उस दौरान डॉ. हेडगेवार ने महसूस किया कि ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय समाज में बिखराव, असमानता और बाहरी आक्रमणों का असर हो रहा था. वे भारत को एक मजबूत और संगठित राष्ट्र बनाना चाहते थे, जिसके लिए समाज को एकजुट करने और उसे अपने सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ने की आवश्यकता थी.
क्या है RSS का संविधान
RSS के संगठन में कई नियम और सिद्धांतों का पालन होता है, लेकिन संघ के पास एक विस्तृत लिखित संविधान नहीं है जैसा कि अन्य राजनीतिक या सामाजिक संगठनों के पास होता है. इसके बजाय, संघ के कार्य और संरचना उसके पुराने नेताओं के विचारों और उनके अनुभवों पर आधारित हैं. संघ के कार्यों का संचालन और नेतृत्व स्वयंसेवकों की अनुभवजन्य पद्धति पर चलता है, जिसमें अनुशासन, संगठन और नैतिक मूल्यों का पालन अनिवार्य होता है.
कौन-कौन बने RSS के सरसंघचालक
1. डॉक्टर केशवराव बलिराम हेडगेवार उपाख्य डॉक्टर जी (1925 - 1940)
2. माधव सदाशिवराव गोलवलकर उपाख्य गुरूजी (1940 - 1973)
3. मधुकर दत्तात्रय देवरस उपाख्य बालासाहेब (1973 - 1993)
4. प्रोफेसर राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया (1993 – 2000)
5. कृपाहल्ली सीतारमैया सुदर्शन उपाख्य सुदर्शनजी(2000 - 2009)
6. डॉ॰ मोहनराव मधुकरराव भागवत
RSS पर लगा प्रतिबंध
30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की हत्या के बाद, RSS पर प्रतिबंध लगा दिया गया था क्योंकि गोडसे, जो गांधी की हत्या के दोषी थे, संघ के पूर्व सदस्य थे. हालांकि, बाद में सरकार द्वारा RSS पर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया गया, क्योंकि गोडसे ने जब गांधी जी हत्या की थी तब वो संघ के सक्रिय सदस्य नहीं थे. साल 1949 में RSS पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया
भारत के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठन है RSS
आज RSS भारत के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठनों में से एक है. इसकी शाखाएं न केवल भारत में, बल्कि विश्व के विभिन्न देशों में भी स्थापित हैं, जहां प्रवासी भारतीय इसके कार्यों और उद्देश्यों से जुड़ते हैं. संघ के प्रशिक्षण और शाखा कार्यक्रमों का उद्देश्य समाज के हर वर्ग के व्यक्तियों को नैतिक, शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाना है. RSS आज भी एक प्रभावशाली संगठन है जो हिंदुत्व और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ-साथ राष्ट्रीयता, सामाजिक समरसता और सेवा कार्यों के लिए समर्पित है.