जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बवाल, लात-घूंसों का आदान-प्रदान
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 के पोस्टर को लेकर जब हंगामा हुआ तो विधानसभा में भाजपा और नेशनल कांफ्रेंस के विधायकों के बीच तू-तू, मैं-मैं हो गई. पोस्टर लेकर पहुंचे विधायक खुर्शीद अहमद ने विधानसभा में बवाल मचा दिया, जिससे 20 मिनट के लिए सदन को स्थगित करना पड़ा. भाजपा और विपक्षी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप और हाथापाई के बाद स्पीकर ने शांति बनाए रखने की कोशिश की. क्या ये हंगामा जम्मू-कश्मीर की राजनीति में कोई नया मोड़ लाएगा? जानें पूरी खबर में.
Ruckus in Jammu and Kashmir Assembly: जम्मू-कश्मीर विधानसभा का शीतकालीन सत्र इस बार राजनीति के गर्म मुद्दों से गूंज रहा है. अनुच्छेद 370 की बहाली को लेकर एक ऐसा विवाद उठ खड़ा हुआ, जिसने न केवल विधानसभा की कार्यवाही को प्रभावित किया, बल्कि सदन में विधायकों के बीच तीखी बहस और हाथापाई का माहौल भी बना दिया.
'पोस्टर से शुरू हुआ बवाल, सदन में हुई तू-तू, मैं-मैं'
यह पूरा हंगामा तब शुरू हुआ जब सांसद इंजीनियर रशीद के भाई और लंगोट विधानसभा क्षेत्र के विधायक खुर्शीद अहमद विधानसभा में एक पोस्टर लेकर पहुंचे, जिसमें कैदियों की रिहाई और अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग की गई थी. जैसे ही वह सदन में दाखिल होने की कोशिश करते हैं, भाजपा के विधायकों ने इस पर विरोध जताना शुरू कर दिया. भाजपा विधायक न केवल अपनी सीटों से उठ खड़े हुए, बल्कि खुर्शीद अहमद के साथ तीखी बहस करने लगे, जिससे स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई.
Ruckus in J&K Assembly after resolution by NC on restoration of Article 370 was passed pic.twitter.com/bVavzT5GyH
— TheVipin (@TheVipin_) November 6, 2024
विधायकों के बीच हाथापाई
यह विवाद इतना बढ़ गया कि सदन की कार्यवाही को 20 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा. स्पीकर ने स्थिति को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन भाजपा और नेशनल कांफ्रेंस के विधायकों के बीच लगातार आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा. शोर-शराबे में कोई यह नहीं समझ पा रहा था कि कौन किसे क्या कह रहा है. भाजपा के विधायक खुर्शीद अहमद को लेकर आरोप लगा रहे थे, जबकि नेशनल कांफ्रेंस के विधायक इसे सिर्फ ड्रामा मान रहे थे.
बीजेपी का ड्रामा
नेशनल कांफ्रेंस के विधायक नजीर अहमद कुरैशी ने स्पीकर से कहा कि भाजपा वाले सिर्फ ड्रामा कर रहे हैं. उनका कहना था कि भाजपा ने अनुच्छेद 370 का सबसे ज्यादा नुकसान किया है और अब यह उन्हीं के लोग जम्मू-कश्मीर को बर्बाद कर रहे हैं. कुरैशी ने यह भी कहा कि भाजपा की असल मंशा तो यही है कि अनुच्छेद 370 की बहाली हो, क्योंकि इससे उन्हें राजनीतिक फायदा मिल सकता है.
'स्पीकर ने कहा- यह मच्छी बाजार नहीं'
स्पीकर ने स्थिति को काबू करने की कोशिश की और कहा कि यह कोई मच्छी बाजार नहीं है. उन्होंने विधायकों से शांति बनाए रखने की अपील की. इस बीच, भाजपा विधायक विक्रम सिंह रंधावा ने भी स्पीकर से आग्रह किया कि जो लोग बेल में कूदा हैं, उन्हें सदन से बाहर निकाल दिया जाए. स्पीकर ने कहा कि वह सख्त कदम नहीं उठाना चाहते, लेकिन सभी विधायकों को शांति बनाए रखने की चेतावनी दी.
'जम्मू-कश्मीर की राजनीति में नया मोड़'
इस हंगामे के बाद, यह स्पष्ट हो गया कि जम्मू-कश्मीर की राजनीति अब अनुच्छेद 370 के मुद्दे को लेकर एक नई दिशा में बढ़ रही है. जहां एक ओर भाजपा इसे राज्य की स्थिरता और विकास से जोड़ती है, वहीं दूसरी ओर नेशनल कांफ्रेंस और अन्य विपक्षी दल इसे राज्य की विशेष स्थिति को वापस लाने के प्रयास के रूप में देख रहे हैं.
इस पूरे घटनाक्रम ने राज्य के राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है और यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे आने वाले दिनों में यह मुद्दा किस दिशा में मोड़ लेता है.