वक्फ संशोधन बिल पर रालोद में रार, शाहजेब रिजवी ने दिया इस्तीफा
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रालोद की राजनीतिक ताकत परंपरागत रूप से जाट और मुस्लिम समुदाय के गठबंधन पर निर्भर रही है. शाहजेब रिजवी का इस्तीफा इस सामाजिक समीकरण में संभावित खटास का संकेत माना जा रहा है.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला है, जहां राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के प्रदेश महासचिव शाहजेब रिजवी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफे की वजह वक्फ संशोधन बिल को लेकर पार्टी प्रमुख जयंत चौधरी की बीजेपी के साथ सहमति बताई जा रही है. रिजवी ने इसे मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ करार देते हुए कहा कि वह इस निर्णय से आहत हैं.
समुदाय में नाराजगी
शाहजेब रिजवी ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि वेस्ट यूपी की 10 सीटों पर मुस्लिम वोट बैंक की वजह से पार्टी ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने कहा कि मुसलमानों ने रालोद को एकतरफा समर्थन दिया, लेकिन अब जयंत चौधरी ने वक्फ बिल पर बीजेपी का साथ देकर इस भरोसे को तोड़ा है. रिजवी का मानना है कि इससे समुदाय में नाराजगी फैली है और पार्टी की छवि को गहरा नुकसान हुआ है.
रिजवी का यह इस्तीफा रालोद के मुस्लिम-जाट गठजोड़ को झटका दे सकता है, जो पार्टी की पारंपरिक ताकत मानी जाती है. यह घटनाक्रम आगामी चुनावों में पार्टी की रणनीति और जनसमर्थन को प्रभावित कर सकता है.
सियासी हलचल पूरे पश्चिमी यूपी में चर्चा का विषय
मेरठ से शुरू हुई यह सियासी हलचल अब पूरे पश्चिमी यूपी में चर्चा का विषय बन चुकी है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह इस्तीफा न सिर्फ जयंत चौधरी के नेतृत्व पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि उनके बीजेपी के साथ बढ़ते रिश्तों पर भी नई बहस छेड़ता है. इस बीच, राष्ट्रीय लोकदल की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे पार्टी के रुख को लेकर और भी अटकलें लगाई जा रही हैं.