Shimla Sanjauli Mosque: शिमला में संजौली मस्जिद को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. धारा 163 लागू होने के बावजूद हिंदू संगठन के लोग भारी तादाद में इकट्ठा होकर प्रदर्शन कर रहे हैं. मामले की अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को होनी है. मामले को बड़ा होता देख प्रशासन ने बुधवार सुबह से ही धारा 163 लागू कर दी. जिसके तहत पांच या उससे ज्यादा लोगों के एक साथ होने पर पाबंदी रहेगी. लेकिन हिंदू संगठनों की तरफ से प्रदर्शन किया जा रहा है. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार की. इसके बाद भी प्रदर्शनकारी संजौली मस्जिद की तरफ बढ़ने लिए डटे हैं.
बुधवार सुबह से उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब मस्जिद निर्माण को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान स्थानीय लोगों की पुलिस कर्मियों से झड़प हो गई. वीडियो में प्रदर्शनकारियों को मस्जिद की तरफ मार्च करते हुए दिखाया गया, जिसमें वे "हिमाचल ने ठाना है, देवभूमि को बचाना है" और "भारत माता की जय" जैसे नारे लगा रहे थे. प्रशासन इसकी इजाज़त नहीं दे रहा था. जिसके चलते प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी देखने को मिली.
शिमला के संजौली में मौजूद इस मस्जिद में कथित तौर पर अतिरिक्त मंजिलों के अवैध निर्माण के विरोध में यह मार्च निकाला गया था. इससे पहले हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने कहा था कि लोगों को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन उन्हें ऐसा शांतिपूर्ण तरीके से और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाए बिना करना चाहिए. सुखू ने यह भी कहा था कि संजौली मस्जिद में कथित अवैध निर्माण के मुद्दे पर स्थानीय नगर निगम अदालत में सुनवाई चल रही है और कानून अपना काम करेगा.
प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद के निर्माण को लेकर बढ़ते तनाव और कुछ हिंदू संगठनों द्वारा बंद के आह्वान के बाद मंगलवार को इलाके में जारी पाबंदी का उल्लंघन किया. हिमाचल प्रदेश के मंत्री रोहित ठाकुर ने पाबंदी जारी होने के बाद कहा, "हमारे राज्य में कभी सांप्रदायिक दंगे नहीं हुए. हिमाचल को देवभूमि के रूप में जाना जाता है. वर्तमान में हालात सामान्य हैं और रोजमर्रा की सार्वजनिक जिंदगी ठीक से चल रही है. विरोध करना लोगों का अधिकार है, लेकिन सब कुछ कानून के दायरे में होना चाहिए." First Updated : Wednesday, 11 September 2024