JPC Meeting: दिल्ली वक्फ बोर्ड द्वारा पेश किए गए वक्फ (संशोधन) विधेयक के विरोध में कई विपक्षी नेताओं ने सोमवार को संयुक्त संसदीय समिति की बैठक से बाहर निकलने का फैसला किया. इन नेताओं का कहना था कि वक्फ बोर्ड के प्रशासक ने दिल्ली सरकार को बिना बताए प्रेजेंटेशन में बदलाव कर दिए हैं.
इस बैठक से बाहर जाने वाले नेताओं में आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह, डीएमके के मोहम्मद अब्दुल्ला, और कांग्रेस के नसीर हुसैन और मोहम्मद जावेद शामिल थे. उन्होंने आरोप लगाया कि एमसीडी आयुक्त और वक्फ बोर्ड के प्रशासक अश्विनी कुमार ने मुख्यमंत्री आतिशी की अनुमति के बिना वक्फ बोर्ड की प्रारंभिक रिपोर्ट में परिवर्तन किए हैं. बैठक की अध्यक्षता भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने की.
समिति ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर मौखिक साक्ष्य के लिए दिल्ली वक्फ बोर्ड, हरियाणा वक्फ बोर्ड, पंजाब वक्फ बोर्ड और उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया. इसके अलावा, समिति ने कॉल फॉर जस्टिस (चंदर वाधवा के नेतृत्व में), वक्फ टेनेंट वेलफेयर एसोसिएशन, दिल्ली, और हरबंस डंकल, अध्यक्ष, रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (बीके दत्त कॉलोनी, नई दिल्ली) को भी अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत करने के लिए बुलाया.
इससे पहले 22 अक्टूबर को हुई पिछली जेपीसी बैठक में भाजपा सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय और टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी के बीच तीखी बहस हुई थी. इस दौरान बनर्जी ने गुस्से में आकर कांच की बोतल फेंकी, जिससे पाल का हाथ चोटिल हो गया था. इसके बाद, टीएमसी सांसद को जेपीसी की अगली बैठक में भाग लेने से रोक दिया गया था.
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 में सुधार लाने, डिजिटलीकरण, सख्त ऑडिट, पारदर्शिता, और अवैध रूप से कब्जे की गई संपत्तियों को दोबारा प्राप्त करने के लिए कानूनी ढांचा स्थापित करने का प्रयास किया गया है. First Updated : Monday, 28 October 2024