Tamilnadu: रुपये के चिह्न को बदलने की तमिलनाडु सरकार की चाल, क्या DMK ने अपनी ही पहचान को नकारा?

तमिलनाडु सरकार ने अपने बजट में रुपये के प्रतीक '₹' की जगह 'ரூ' सिंबल को शामिल कर दिया है. यह बदलाव खासकर इसलिए चर्चा में है क्योंकि '₹' का डिज़ाइन तमिलनाडु के ही एक शख्स, उदयकुमार धर्मलिंगम ने किया था. उनकी इस उपलब्धि पर ही सवाल उठाए जा रहे हैं. तमिलनाडु सरकार का यह कदम अब राजनीतिक बहस का कारण बन गया है. जानें, इस फैसले के पीछे की वजह और क्या है इस पूरे विवाद का सच?

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Edited By: Aprajita

Rupee Symbol Replaced In Tamilnadu: तमिलनाडु में हाल ही में एक बड़ा विवाद सामने आया है. जहां एक ओर रुपये के प्रतीक '₹' को पूरे देश ने अपनाया, वहीं अब तमिलनाडु सरकार ने इसे अपने बजट से हटा दिया है. इसके बजाय, '₹' के स्थान पर अब तमिल लिपि में 'ரூ' सिंबल को बजट में शामिल किया गया है. लेकिन यह फैसला तमिलनाडु में राजनीति का नया रंग दिखाता है और यह निर्णय हर किसी के लिए एक चर्चा का विषय बन गया है.

रुपये के प्रतीक का डिजाइन: एक तमिल की उपलब्धि

रुपये के प्रतीक का डिजाइन तमिलनाडु के उदयकुमार धर्मलिंगम ने किया था, जो एक प्रतिष्ठित भारतीय डिज़ाइनर और शिक्षाविद हैं. उनका जन्म 1978 में तमिलनाडु के कल्लाकुरिची में हुआ था. उदयकुमार ने भारतीय रुपये के प्रतीक को डिज़ाइन करने के लिए आयोजित की गई प्रतियोगिता में विजयी रहे थे. उनका डिज़ाइन देवनागरी के 'र' और रोमन अक्षर 'R' को मिलाकर तैयार किया गया था, जो भारतीय तिरंगे से प्रेरित था.

भारत सरकार ने इस प्रतीक को 15 जुलाई 2010 को आधिकारिक रूप से अपनाया और यह प्रतीक भारतीय मुद्रा की पहचान बन गया. इस डिज़ाइन ने भारतीय रुपये को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दिलाई. लेकिन अब, तमिलनाडु सरकार ने अपने बजट में '₹' की जगह 'ரூ' सिंबल को क्यों अपनाया, ये सवाल लोगों के मन में है.

DMK और BJP के बीच तकरार

इस बदलाव के बाद राजनीति गरमा गई है. तमिलनाडु में बीजेपी के अध्यक्ष अन्नामलाई ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि '₹' का प्रतीक एक तमिल ने डिज़ाइन किया था, जिसे पूरे भारत में अपनाया गया और इसे हमारी मुद्रा का हिस्सा बनाया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि तमिलनाडु सरकार के इस कदम से भारतीयता की पहचान को तोड़ा जा रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन पर तंज कसते हुए कहा, "आप कितने मूर्ख हो सकते हो, स्टालिन जी?" बीजेपी नेता तमिलिसाई ने भी इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहले तो मुख्यमंत्री को अपना नाम बदलकर 'स्टालिन' रखना चाहिए.

क्या है इस बदलाव के पीछे का कारण?

तमिलनाडु सरकार का कहना है कि ये बदलाव तमिल भाषा और संस्कृति की सम्मानित पहचान को बढ़ावा देने के लिए किया गया है. राज्य में भाषाई राजनीति को लेकर समय-समय पर ऐसे विवाद उठते रहते हैं, और इस बार भी सरकार ने अपनी तरफ से एक प्रतीक को तमिल में बदलने का फैसला लिया. इस मुद्दे पर अब तक कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है कि क्या यह फैसला स्थायी होगा या फिर इसे बदलने का विचार किया जाएगा. हालांकि, यह कदम भारत के एकीकरण और तमिल संस्कृति की पहचान को लेकर बहस का कारण बन गया है. कुल मिलाकर यह विवाद कुछ खास नहीं बल्कि राजनीति का हिस्सा प्रतीत होता है, जिससे यह समझना बाकी है कि आने वाले समय में इस मुद्दे का हल कैसे निकलेगा.

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13 March 2025, 04:52 PM IST

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