पाकिस्तान में दिखे एस जयशंकर के तीखे तेवर, बोले- आतंकवाद जारी रहेगा तो...
S Jaishankar On Pakistan: विदेश मंत्री एस जयशंकर एससीओ के शासनाध्यक्षों की बैठक के लिए मंगलवार शाम पाकिस्तान पहुंचे हैं. यह बैठक इस्लामाबाद में पाकिस्तान की अध्यक्षता में हो रही है जिसमें भारत के विदेश मंत्री के तीखे तेवर देखने को मिले हैं. उन्होंने पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा कि सीमा पार उग्रवाद और अलगाववाद द्विपक्षीय व्यापार और संबंधों में बाधा डालते हैं.
S Jaishankar On Pakistan: विदेश मंत्री एस जयशंकर एससीओ के शासनाध्यक्षों की बैठक के लिए मंगलवार शाम पाकिस्तान पहुंचे हैं. उन्होंने प्रतिनिधियों के लिए पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ द्वारा आयोजित रात्रिभोज में शामिल हुए थे. वहीं इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग परिसर में सुबह की सैर की और उन्होंने यहां एक पौधा भी लगाया. वहीं अब SCO समिट की बैठक शुरू हो गई है. इस बैठक में विदेश मंत्री ने पाकिस्तान पर निशाना साधा है और कहा कि आतंकवाद से व्यापार और संपर्क नहीं बढ़ेगा.
SCO बैठक में भारत के विदेश मंत्री के तीखे तेवर देखने को मिले हैं. उन्होंने पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा कि सीमा पार उग्रवाद और अलगाववाद द्विपक्षीय व्यापार और संबंधों में बाधा डालते हैं. उन्होंने कहा कि आज के समय में आतंकवाद और उग्रवाद से निपटना और भी अधिक महत्वपूर्ण है.
'आतंकवाद से व्यापार और संपर्क नहीं बढ़ेगा'
जयशंकर ने इस्लामाबाद में चल रहे शिखर सम्मेलन में कहा, 'यह स्वयंसिद्ध है कि विकास और वृद्धि के लिए शांति और स्थिरता की आवश्यकता होती है और जैसा कि चार्टर में स्पष्ट किया गया है, इसका अर्थ है 'तीन बुराइयों' का मुकाबला करने में दृढ़ और समझौताहीन होना. अगर सीमा पार की गतिविधियां आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद की विशेषता रखती हैं, तो वे समानांतर रूप से व्यापार, ऊर्जा प्रवाह, संपर्क और लोगों के बीच आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने की संभावना नहीं रखती हैं.'
Delivered 🇮🇳’s national statement at the SCO Council of Heads of Government meeting today morning in Islamabad.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) October 16, 2024
SCO needs to be able and adept at responding to challenges facing us in a turbulent world. In this context, highlighted that:
➡️ SCO’s primary goal of combatting… pic.twitter.com/oC2wHsWWHD
'विकास के लिए शांति और स्थिरता की जरूरत'
शिखर सम्मेलन में भारत का राष्ट्रीय वक्तव्य देते हुए मंत्री ने आगे कहा, 'सहयोग आपसी सम्मान और संप्रभु समानता पर आधारित होना चाहिए, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को मान्यता दी जानी चाहिए और एकतरफा एजेंडे पर नहीं, बल्कि वास्तविक साझेदारी पर आधारित होना चाहिए. अगर हम वैश्विक प्रथाओं, विशेष रूप से व्यापार और पारगमन को ही चुनेंगे तो एससीओ प्रगति नहीं कर सकता है.' विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि एससीओ को आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद से मुकाबला करने का प्राथमिक लक्ष्य वर्तमान समय में देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण और पुनर्संतुलन आज की वास्तविकताएं हैं और एससीओ देशों को इसे आगे बढ़ाने की जरूरत है.
'जरूरी है कि हम ईमानदारी से बातचीत करें'
अगर विश्वास की कमी है या सहयोग अपर्याप्त है, यदि मित्रता में कमी आई है और अच्छे पड़ोसी की भावना कहीं गायब है, तो निश्चित रूप से आत्मनिरीक्षण करने और समाधान करने के कारण हैं. यह तभी संभव है जब हम चार्टर के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पूरी ईमानदारी से पुष्टि करेंगे तभी हम सहयोग और एकीकरण के लाभों को पूरी तरह से महसूस कर सकते हैं.
वैश्वीकरण और पुनर्संतुलन ऐसी वास्तविकताएं हैं, जिन्हें नकारा नहीं जा सकता. कुल मिलाकर, उन्होंने व्यापार, निवेश, कनेक्टिविटी, ऊर्जा प्रवाह और सहयोग के अन्य रूपों के संदर्भ में कई नए अवसर पैदा किए हैं. इसमें कोई संदेह नहीं है कि अगर हम इसे आगे बढ़ाते हैं तो हमारे क्षेत्र को बहुत लाभ होगा. इतना ही नहीं, अन्य लोग भी ऐसे प्रयासों से अपनी प्रेरणा और सबक प्राप्त करेंगे.