S Jaishankar: नेवी के रिटायर अधिकरियों के परिजनों से मिले एस जयशंकर, कतर सुना चुका सजा-ए-मौत

Navy retired officers: कतर में नेवी के आठ पूर्व अधिकारियों को मौत की सजा मिलने के बार भारत सरकार इस पर नजर बनाए हुए है. सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस संबंध में पीड़ित परिवारों से बात की.

Lalit Hudda
Edited By: Lalit Hudda

8 retired Navy officers in Qatar: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को उन आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों के परिवारों से मुलाकात की है, जिन्हें कतर में मौत की सजा सुनाई गई है. एस जयशंकर ने पूर्व अधिकारियों के परिजनों से कहा कि मामले को महत्व देते हुए इस पर नजर बनाए हुए है. हम पीड़ित परिवारों की चिंता है. विदेश मंत्री ने खुद इसकी जानकारी दी है. 

सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि  कतर में हिरासत में लिए गए 8 भारतीयों के परिवारों से मुलाकात की. उन्होंने लिखा, "इस बात पर जोर दिया गया कि सरकार मामले को सर्वोच्च महत्व देती है. परिवारों की चिंताओं और दर्द को पूरी तरह से साझा करती है. सरकार उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास जारी रखेगी. इस संबंध में सरकार परिवारों के साथ निकटता से समन्वय बनाएगी."

इस मामले पर नौसेना प्रमुख ने क्या कहा?

कतर में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अफसरो को मौत की सजा सुनाए जाने पर भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने कहा, "सरकार की ओर से ये सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है कि हम कानूनी प्रक्रिया अपनाएं और हमारे कर्मियों को राहत मिले."

कतर की कोर्ट ने सुनाई मौत की सजा 

भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारी अगस्त 2022 से ही कतर की जेल में बंद हैं. कतर ने सभी पर जासूसी करने का आरोप लगया है. इन अधिकारियों में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित रिटायर कमांडर पूर्णंदू तिवारी  भी शामिल हैं. मार्च 2023 में कतर कोर्ट ने इस मामले में पहली सुनवाई की थी.

कतर की कंपनी में कर रहे थे काम 

सभी रिटायर पूर्व सैनिक कतर की एक निजी कंपनी में काम कर रहे थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये ​कतर की जिस कंपनी में काम करते थे वो एमिरी नौसेना को ट्रेनिंग और अन्य सेवाएं देती है. कंपनी का नाम दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एवं कंसल्टेंसीज सर्विसेज है. रॉयल ओमान वायु सेना रिटायर्ड स्क्वाड्रन खामिस अल अजमी इसके सीईओ है. ये कंपनी खुद को कतर रक्षा, सुरक्षा एवं अन्य सरकारी एजेंसी के काम में भागीदारी मानती है.  

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30 October 2023, 11:57 AM IST

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