S Jaishankar On Pro-Khalistani: कनाडा के उठाएं मुद्दे एक जैसे नहीं, खालिस्तानी समर्थकों पर विदश मंत्री ने कही ये बात
S Jaishankar On Pro-Khalistani: कनाडा और अमेरिका पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि, "मुझे लगता है कि हर कोई जानता है कि भारत एक ऐसा देश है जहां हम बहुत जिम्मेदार हैं, हम जो करते हैं उसमें बहुत विवेक रखते हैं.
S Jaishankar On Pro-Khalistani: सयुंक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की हत्या की साजिश के हालिया आरोपों का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दोनों मुद्दे एक जैसे नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिकियों ने हमे कुछ बातें बताई हैं.
कनाडा और अमेरिका पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि, "मुझे लगता है कि हर कोई जानता है कि भारत एक ऐसा देश है जहां हम बहुत जिम्मेदार हैं, हम जो करते हैं उसमें बहुत विवेक रखते हैं और हमारे लिए पूरा मुद्दा यह है कि हमने इसे हमेशा बनाए रखा है. यदि कोई है तो सिर्फ कनाडा ही नहीं, अगर किसी भी देश को कोई चिंता है और वह हमें उस चिंता के लिए कुछ इनपुट या कुछ आधार देता है, तो हम उस पर विचार करने के लिए हमेशा तैयार हैं. देश यही करते हैं.
आगे उन्होंने कहा कि, मुद्दा यह था कि जब अमेरिकियों ने कुछ मुद्दे उठाए और जरूरी नहीं कि दो मुद्दे एक जैसे हों. जब उन्होंने वह मुद्दा उठाया तो अमेरिकियों ने हमें कुछ खास बातें बताईं. अंतरराष्ट्रीय संबंधों में समय-समय पर क्या होता है, ऐसी चुनौतियां पैदा हो सकती हैं. इसलिए हमने बहुत ईमानदारी से कनाडाई लोगों से कहा है कि देखो यह इस पर निर्भर है आप, मेरा मतलब आपकी पसंद से है कि आप चाहेंगे कि हम इसे आगे बढ़ाएं, आगे इस पर गौर करें या नहीं."
चीन सहित पड़ोसी देशों के साथ भारत के संबंधों पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि "मुझे पता है कि कुछ पड़ोसी रिश्ते हैं जो एक समस्या हैं, लेकिन मैं आपको सुझाव दूंगा कि पाकिस्तान के साथ वाला रिश्ता वास्तव में एक अपवाद है. मैं प्रत्येक से कहूंगा आज हमारे पड़ोसियों में से एक के पास वास्तव में भारत के बारे में कहने के लिए बहुत सारे अच्छे अनुभव और बहुत कुछ अच्छा है. पड़ोसियों के साथ यह भी स्वाभाविक है कि मतभेद के मुद्दे होंगे.
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि हमें यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि हमारे सभी पड़ोसी हमारी बातों पर सहमत होंगे हर दिन सभी मुद्दे... चीन पर,... हम निश्चित रूप से चाहेंगे कि चीन के साथ हमारे रिश्ते आज की तुलना में बेहतर हों. लेकिन अगर पिछले तीन वर्षों में चीजें अधिक कठिन हो गई हैं, तो ऐसा इसलिए नहीं है क्योंकि हममें से, ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्होंने सीमा पर समझौतों का पालन नहीं करने का फैसला किया है. लेकिन फिर, कूटनीति यह है कि आपके पड़ोसी चाहे कितने भी कठिन क्यों न हों, वे कितने भी चुनौतीपूर्ण हों, आप कभी हार नहीं मानते."