नॉलेज : दिसंबर 2023 में अस्थमा की दवा 'फोराकोर्ट' की बिक्री सबसे ज्यादा; जानिए कितना बड़ा है इसका बाजार

प्रदूषण अस्थमा का बड़ा दुश्मन है. इसके अलावा अस्थमा, कोल्ड-फ्लू जैसे वायरस से संक्रमण, एलर्जी, धूल-धुंए आदि के कारण बढ़ सकता है. अस्थमा रोग, वायुमार्ग या ब्रोन्कियल नलियों की अंदरूनी परतों में सूजन का कारण बनता है.

Pankaj Soni
Pankaj Soni

कोराना महामारी के बाद बढ़ते प्रदूषण और स्मॉग का घातक कॉकटेल इंसानों का दम घोंटता नजर आ रहा है. देश में अस्थमा, सांस और फेफड़ों की बीमारियों के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. यही कारण है कि देश में दिसंबर 2023 में अस्थमा और सांस संबंधी समस्याओं में उपयोग की जाने वाली फोराकोर्ट इनहेलर (श्वसन औषधि) ने दिसंबर में घरेलू फार्मा बाजार में बिक्री के मामले में शीर्ष स्थान हासिल किया है. इसके बाद एंटीबायोटिक्स दूसरे और एंटी-डायबिटीज दवाओं की मांग तीसरे स्थान पर रही. मार्केट रिसर्च फर्म IQVIA से मिले नए आंकड़ों के अनुसार, यह लगातार दूसरा महीना था जब फोराकोर्ट इनहेलर शीर्ष पर रही.

कितना बड़ा है फोराकोर्ट का बाजार

दिसंबर में 22% की वृद्धि के साथ ही देश में फोराकोर्ट की 85 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की गई. नवंबर 2023 में 81 करोड़ रुपये की बिक्री के साथ यह दवा नंबर 1 रैंक पर पहुंची थी, जिसकी बिक्री दिसंबर में 4 करोड़ रुपये की ज्यादा हो गई. इसके साथ ही दो महीने में फोराकोर्ट सबसे अधिक मांग वाली यह दवा बन गई है.

 प्रदूषण में लोगों का दम घुटने लगता है.
प्रदूषण में लोगों का दम घुटने लगता है.

 

क्यों बढ़ रही है फोराकोर्ट की मांग?

विशेषज्ञों ने मीडिया को बताया कि फोराकोर्ट की मांग बढ़ने के पीछे की वजह उत्तर भारत में बढ़ते प्रदूषण और कड़ाके की ठंड के साथ ही देश भर में कोविड -19 का पुनरुत्थान है. वायु प्रदूषण के कारण सांस, आस्थमा के मरीजों को तकलीफ बढ़ जाती है. वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से अस्थमा और श्वसन संक्रमण बढ़ सकता है. इससे क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (फेफड़ों की गंभीर बीमारी) भी हो सकती हैं. ऐसे में समस्याओं से बचने के लिए मरीज फोराकोर्ट का इस्तेमाल करते हैं. 

इन दवाओं की बिक्री घटी, बाजार पर दिखा असर 

मोतीलाल ओसवाल के एक विश्लेषक ने मीडिया को बताया कि मधुमेह रोधी, डर्मा और स्त्री रोग रोधी दवाओं की बिक्री ने बाजार में खराब प्रदर्शन किया है, जिससे समग्र विकास प्रभावित हुआ है. इसके विपरीत, मूत्रविज्ञान, नेत्र रोग, हृदय, दर्द चिकित्सा ने MAT आधार की दवाओं की बिक्री में वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि देखने को मिली है, जो क्रमशः 14.2%, 11.3%, 10.4% और 10.2% बढ़ी है. शीर्ष 10 ब्रांडों के बीच एंटीबायोटिक ऑगमेंटिन और एंटी-डायबिटिक मिक्सटार्ड की बिक्री क्रमशः 67 करोड़ रुपये और 68 करोड़ रुपये रही, जिसमें दिसंबर में साल-दर-साल 14% और 11% की गिरावट दर्ज की गई.

फोराकोर्ट इनहेलर क्या होता है?

फोराकोर्ट 200 इनहेलर दवाओं का ऐसा मिश्रण है जो गले की घरघराहट, सांस लेने में परेशानी, खांसी, सीने में जकड़न अस्थमा, फेफड़ों की बीमारी, सांस फूलने जैसी समस्याओं के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती है. यह दवा 12 साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जाती है. यह दवा दो जेनेरिक फॉर्मूला से मिल कर बनी होती है. फॉरमोटेरॉल और बुडेसोनाइड. फॉरमोटेरॉल सांस लेने वाली नलिका को ब्लॉक होने से रोकता है और आसानी से सांस लेने में मदद करता है. फॉरमोटेरॉल फेफड़ों के द्वारा सांस लेने में होने वाली बाधाओं को खत्म करता है. वहीं बुडेसोनाइड ऐसे केमिकल को रोकता है, जो दर्द, सीजन और लालपन के लिए जिम्मेदार होते हैं.

जहरीली हवा के बीच घर से बाहर निकलते लोग.
जहरीली हवा के बीच घर से बाहर निकलते लोग.

 

दुनियाभर के अस्थमा रोगियों में 10% अकेले भारत में 

2023 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में अस्थमा से हर साल 45 लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है. जिसमें से करीब 43 फीसदी मौतें भारत में होती हैं. दुनियाभर में अस्थमा के कुल रोगियों में से 10 फीसदी मामले अकेले भारत में हैं. अस्थमा की रोकथाम और इसके बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल मई महीने के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है.

अस्थमा के क्या कारण हो सकते हैं?

प्रदूषण अस्थमा का बड़ा दुश्मन है. इसके अलावा अस्थमा, कोल्ड-फ्लू जैसे वायरस से संक्रमण, एलर्जी, धूल-धुंए आदि के कारण बढ़ सकता है. अस्थमा रोग, वायुमार्ग या ब्रोन्कियल नलियों की अंदरूनी परतों में सूजन का कारण बनता है. इससे फेफड़ों में हवा का संचार बाधित हो सकता है, जिसके कारण रोगियों को सांस लेने में दिक्कत और सांस छोड़ते समय सीटी-घरघराहट की आवाज आ सकती है. अस्थमा अटैक के दौरान, वायुमार्ग सूज जाते हैं. उनके आसपास की मांसपेशियां कड़ी हो जाती हैं जिसके कारण फेफड़ों में हवा का आना-जाना मुश्किल हो जाता है. यह स्थिति गंभीर हो सकती है.

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18 January 2024, 02:01 PM IST

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