ज्ञानवापी मामले की सुनवाई टली, अगली तारीख 4 जनवरी को तय
Gyanvapi Case: ज्ञानवापी से जुड़े विवाद का मामला एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार अदालती सुनवाई टलने के कारण शनिवार को होने वाली सुनवाई जिला जज संजीव पांडेय के अवकाश पर होने के कारण टल गई और अब इसकी अगली तिथि चार जनवरी तय की गई है.
Gyanvapi Case: ज्ञानवापी से जुड़े मुकदमों की सुनवाई शनिवार को जिला जज संजीव पांडेय की अदालत में नहीं हो सकी. जिला जज के अवकाश पर होने के चलते यह सुनवाई टाल दी गई. अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 4 जनवरी की तारीख तय की है. बता दें कि ज्ञानवापी शिवलिंग को लेकर विवादित बयान देने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. रतन लाल की एफआईआर रद्द करने की याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया. न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह की पीठ ने प्रोफेसर की पोस्ट को प्रथम दृष्टया समाज में अशांति फैलाने और एक बड़े वर्ग की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया.
आपको बता दें कि पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को समाज के प्रति अधिक जिम्मेदार होना चाहिए क्योंकि एक बुद्धिजीवी और शिक्षक के रूप में उनके बयान का व्यापक प्रभाव पड़ता है. कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि समाज में शांति और सामंजस्य बनाए रखना प्राथमिकी रद्द करने का आधार नहीं हो सकता.
शिवलिंग पर टिप्पणी को लेकर कड़ी आलोचना
वहीं आपको बता दें कि हाई कोर्ट ने प्रोफेसर की पोस्ट को भगवान शिव और शिवलिंग के उपासकों के विश्वासों और परंपराओं के खिलाफ करार दिया. अदालत ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियां न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करती हैं बल्कि सांप्रदायिक तनाव भी बढ़ाती हैं.
योगी आदित्यनाथ का ऐतिहासिक बयान
उधर, अयोध्या में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सनातन धर्म के प्रति गौरव बनाए रखने की बात कही. पंचनारायण महायज्ञ में शामिल होते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग मंदिरों को तोड़ते थे, उनका कुल और वंश नष्ट हो गया. उन्होंने औरंगजेब का उदाहरण देते हुए कहा कि उसके वंशज आज कठिन परिस्थितियों में जीवन व्यतीत कर रहे हैं.