Sandeshkhali case: संदेशखाली मामले में भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुकांत मजूमदार ने एक शिकायत दर्ज कराई थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज विशेषाधिकार समिति की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. इसमें एक विरोध प्रदर्शन के दौरान जानलेवा चोटों का आरोप लगाया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बड़ा हस्तक्षेप करते हुए यह फैसला लिया है. आपको बता दें कि सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी.
सरकार की तरफ से सिब्बल ने कहा कि जब ये घटना हुई उस समय मुख्य सचिव, डीएम और पुलिस कमिश्नर मौके पर नहीं थे, इसके बाद भी कमेटी ने उन्हें तलब किया. मनु सिंघवी ने झारखंड में एक मामले का हवाला देते हुए कहा कि इसी तरह का मामला झारखंड में भी आया था, जहां कोर्ट से राहत मिली थी. मामले की सुनवाई के दौरान सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि दर्ज की गई शिकायत पूरी तरह से गलत है.
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव द्वारा दायर एक याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें तत्काल आदेश देने की मांग की गई थी क्योंकि लोकसभा की विशेषाधिकार समिति ने अधिकारियों को सोमवार को पेश होने के लिए कहा था.
एक स्थानीय महिला ने इल्जाम लगाया कि कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता घर-घर जाकर सर्वेक्षण करते हैं. अगर कोई महिला या लड़की है तो उन्हें पसंद आ जाती है तो वो उसे उठाकर पार्टी ऑफिस ले जाते हैं. जब शाहजहां के फरार होने की खबरें सामने आईं तब ही महिलाओं ने आवाज उठाने की हिम्मत की. आपको बता दें कि इसी साल जनवरी में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख के घर पर छापेमारी की थी, तभी से वो सुर्खियों में आए. First Updated : Monday, 19 February 2024