Sanjay Arrest: पहले सत्येंद्र, फिर सिसोदिया और अब संजय की गिरफ्तारी.., क्या होगी AAP की आगे दिशा, कौन संभालेगा इनकी जिम्मेदारी?
आम आदमी पार्टी के तमाम नेता जांच एजेंसियों के रडार पर हैं दिल्ली के मुख्यमंत्री के काफी करीबी या यों कहें कि उनके मुख्य सिपहसलार धीरे धीरे जेल जा रहे हैं.
इस साल आम आदमी पार्टी (AAP) के दो बड़े नेताओं की गिरफ्तारी हो गई. दोनों ऐसे नेता हैं जिन्हें पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल का दाया हाथ माना जा रहा था. आज यानी 4 अक्टूबर, 2023 को संजय सिंह और इससे पहले 26 फरवरी, 2023 को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया कि गिरफ्तारी हुई थी. याद दिला दें कि पिछले साल पार्टी के एक और बड़े नेता सत्येंद्र जैन को मई के महीने में गिरफ्तार कर लिया गया था.
AAP के नहीं चल रहे अच्छे दिन
आम आदमी पार्टी के तमाम नेता जांच एजेंसियों के रडार पर हैं दिल्ली के मुख्यमंत्री के काफी करीबी या यों कहें कि उनके मुख्य सिपहसलार धीरे धीरे जेल जा रहे हैं. इसके बाद सबसे बड़ा सवाल उठता है कि आखिर अरविंद केजरीवाल अब क्या करेंगे?
कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के अच्छे दिन नहीं चल रहे हैं. पहले प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में दिल्ली सरकार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार किया था. इसके बाद शराब घोटाले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया और अब संजय सिंह को मनी लाॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है.
बताया जा रहा है कि संजय सिंह को महिला सशक्तिकरण पर एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने ताइवान जाना था लेकिन सरकार की तरफ से उन्हें राजनीतिक मंजूरी नहीं मिली और वो उड़ान नहीं भर सके और आज उनकी गिरफ्तारी भी हो गई.
सत्येंद्र जैन को कब और कैसे किया गया गिरफ्तार?
ईडी की छापेमारी के बाद से ही संजय सिंह पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी. इससे पहले ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के दूसरे मामले में पिछले साल मई में केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे सत्येन्द्र जैन को गिरफ्तार किया था. सत्येन्द्र जैन पर कोलकाता की एक कंपनी से जुड़े हवाला लेनदेन के मामले में ये कार्रवाई की गई थी आरोप है कि सत्येंद्र जैन फर्जी कंपनियों के जरिये आए पैसे का इस्तेमाल भूमि की खरीद के लिए किया था. हालांकि, जेल के अंदर स्वास्थ्य बिगड़ने और गंभीर बीमारियों के चलते फिलहाल वो अंतरिम जमानत पर हैं.
मनीष सिसोदिया की कैसे और कब हुई गिरफ्तारी?
पिछले साल 17 अगस्त को सीबीआई ने नई आबकारी नीति में धोखाधड़ी, रिश्वतखोरी के आरोप में मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों पर मामला दर्ज किया था सीबीआई का आरोप है कि मनीष सिसोदिया ने शराब घोटाले में आपराधिक साजिश रची और उन्होंने सबूतों को मिटाने की कोशिश की. शराब नीति में कथित घोटाले को लेकर सीबीआई ने उन्हें इसी साल फरवरी में गिरफ्तार किया था.
अब कौन लेगा इन तीनों की जगह?
अब सबसे बड़ा सवाल उठता है कि अरविंद केजरीवाल के सबसे खास तीन सिपहसलार सत्येन्द्र जैन, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह पर जांच एजेंसियों का शिकंजा कस गया है और तीनों के तीनों गिरफ्तार भी हो चुके हैं. अब केजरीवाल के साथ कंधे से कंधे मिलाकर कौन चलेगा? कौन उन्हें जरूरी मसलों पर सलाह देगा और कौन उनकी लिए गए फैसलों पर मुहर लगाएगा? अगले साल देश में आम चुनाव हैं उससे पहले केजरीवाल अपने खास करीबियों के बिना कमजोर तो नही पड़ते जा रहे हैं. अरविंद केजरीवाल हमेशा से कहते आए हैं कि मोदी सरकार चाहे जितने भी रेड डलवा दे जितने भी छापे पड़वा दे उनकी पार्टी के लोगों का कुछ भी नहीं बिगड़ने वाला है. उन्होंने यहां तक कहा कि केन्द्र सरकार अबतक उनकी पार्टी के लोगों पर हजार से ज्यादा रेड डलवा चुकी है लेकिन उन्हें एक पैसा तक नहीं मिला.