Ladakh Hill Council Polls: लद्दाख पर्वतीय परिषद चुनाव की अधिसूचना को SC ने किया रद्द, कहा- 7 दिनों में बनाए नया प्रोसेस

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और एहसानुद्दीन अमानुल्लाह खान की बेंच ने नेशनल कांफ्रेंस को यूटी लद्दाख प्रशासन की ओर से हल चुनाव चिन्ह देने से मना करने वाली याचिका को खारिज कर दिया.

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Ladakh Hill Council Election: सुप्रीम कोर्ट ने लद्दाख हिल परिषद चुनाव के संबंध में निर्वाचन विभाग की पांच अगस्त को जारी अधिसूचना को रद्द कर दिया है. साथ ही 7 दिनों के अंदर नई अधिसूचना बनाने को कहा है. बता दें कि लद्दाख पर्वतीय परिषद के चुनाव की सूचना के मुताबिक, 10 सितंबर को चुनाव होने थे. लेकिन अब इसे रद्द कर दिया गया तो इलेक्शन की तारीख भी बढ़ने की पूरी उम्मीद है. 

चुनाव आयोग पर शीर्ष अदालत ने लगाया जुर्माना

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और एहसानुद्दीन अमानुल्लाह खान की बेंच ने नेशनल कांफ्रेंस को यूटी लद्दाख प्रशासन की ओर से हल चुनाव चिन्ह देने से मना करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है और एक लाख का जुर्माना भी लगाया है. अब शीर्ष अदालत ने सात दिनों के भीतर में नई अधिसूचना जारी करने के निर्देश दिए हैं. 

चुनाव चिन्ह देने से यूटी लद्दाख प्रशासन ने मना किया

बता दें कि हल नेशनल कांफ्रेंस का पार्टी चिन्ह है, लेकिन यूटी प्रशासन ने पार्टी को एलएएचडीसी (के) चुनावों के दौरान इसका इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी. लद्दाख प्रशासन ने कहा था कि नेशनल कांफ्रेंस समेत कोई भी दल राज्य लद्दाख में मान्यता प्राप्त दल नहीं है, ऐसे में वह हल को राजनैतिक पार्टी चिन्ह के तौर पर दावा नहीं कर सकता है. वहीं, 9 अगस्त को पार्टी ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था. 

पार्टी 17 सीटों पर स्वतंत्र चुनाव लड़ रही थी

एनसी ने प्रशासन के फैसले को शीर्ष अदालत में इस आधार पर चुनौती दी थी कि वह कारगिल की पहाड़ी विकास परिषद में पदाधिकारी के रूप में पहले से ही आरक्षित प्रतीक के रूप में चुनाव लड़ रही थी. एलएएचडीसी-कारगिल की 26 सीटों के लिए चुनाव में 89 उम्मीदवार मैदान में थे, जिसमें कांग्रेस के 21, बीजेपी 17, आम आदमी पार्टी के चार और 47 उम्मीदवार स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ रहे थे. एनसी को अपनी पार्टी के चिन्ह पर चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं थी. इसलिए उसने 17 उम्मीदवार स्वतंत्र रूप से मैदान में उतारे थे.  First Updated : Wednesday, 06 September 2023