Electoral Bond: 30 सितंबर 2023 तक राजनीतिक दलों को कितने मिले चंदे के पैसे, SC ने चुनाव आयोग से डेटा मांगा

Electoral Bond: चुनावी बॉन्ड स्कीम मामले को लेकर गुरुवार, (2 नवंबर) को शीर्ष अदालत में तीसरे दिन की सुनवाई हुई. चुनावी बॉन्ड से राजनीतिक चंदे को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग से डेटा की मांग की है.

Manoj Aarya
Manoj Aarya

Supreme Court On Electoral Bond Scheme: चुनावी बॉन्ड स्कीम मामले को लेकर गुरुवार, (2 नवंबर) को शीर्ष अदालत में तीसरे दिन की सुनवाई हुई. चुनावी बॉन्ड से राजनीतिक चंदे को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग से डेटा की मांग की है. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इलेक्शन कमिशन सितंबर 2023 तक राजनीतिक दलों को चंदे के रूप में मिले पैसे का डेटा मुहैया कराए.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने बयान में आगे कहा कि चुनाव आयोग और एसबीआई (SBI) और  राजनीतिक दलों से फंड का डेटा ले.  चुनाव आयोग से सवाल करते हुए शीर्ष अदालत ने यह भी पूछा कि आदेश के बावजूद 2019 के बाद कोई डेटा क्यों नहीं दाखिल किया गया? सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. 

सुप्रीम कोर्ट ने डेटा को लेकर चुनाव आयोग से पूछा सवाल

गुरुवार को इस मामले की तीसरे दिन की सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने चुनाव आयोग से सभी राजनीतिक पार्टियों को 30 सितंबर 2023 तक मिले फंड का डेटा मांगा है. शीर्ष अदालत ने इलेक्शन कमीशन को याद दिलाते हुए कहा कि 2019 में एक आदेश पारित किया था, जिसके मुताबिक चुनावी बॉन्ड के माध्यम से फंडे लेने वाले हर एक पार्टी को पूरी जानकारी इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया को देने थे. वहीं इस मामले की सुनवाई के अंत में कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा की आदेश के बावजूद 2019 के बाद कोई डेटा क्यों नहीं पेश किया गया? 

बहस के दौरान चुनाव आयोग के वकील ने क्या कहा? 

चुनाव आयोग के वकील अमित शर्मा ने कहा कि सारी जानकारी सीलबंद लिफाफे में है. हमने भी वो लिफाफा नहीं खोला है. आप ही उसे खोल सकते हैं. हम नहीं. हमने मंत्रालय को दो चिट्ठियां लिखी हैं. सॉलिसिटर जनरल ने भी कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिाय (ECI) के बीच बैठकें हुई हैं. उनमें सर्व सम्मत निर्णय लिए गए. 
 
अमित शर्मा के बयान पर जस्टिस खन्ना ने पूछा कि कितने बॉन्ड्स आए? इसकी जानकारी तो आपको होगी? इस पर उन्होंने हामी भरी. जस्टिस खन्ना ने पूछा कि मार्च 2023 तक का कोई आंकड़े आप हमें दे सकते हैं? अमित शर्मा ने कहा कि 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने ही एक आदेश पारित किया गया था, क्योंकि कोर्ट ने ही कहा था कि रिकॉर्ड रखने की जरूरत नहीं है. लिहाजा हमारे पास वो आंकड़ा नहीं है. क्योंकि आयोग उसे मेंटेन नहीं करता. 

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02 November 2023, 05:34 PM IST

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