सुदीप्तो सेन के निर्देशन से बनी फिल्म 'द केरल स्टोरी' इस समय पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। जहां इस फिल्म का कुछ लोग समर्थन कर रहे हैं, तो वहीं कुछ लोग इस फिल्म का विरोध भी कर रहे है। ट्रेलर रिलीज होने के बाद ये फिल्म विवादों से घिरी हुईं है। इस दौरान अब 'द केरल स्टोरी' फिल्म को लेकर चल रहा विवाद अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। दरअसल, केरल उच्च न्यायालय ने फिल्म की रिलीज रोकने को लेकर अंतरिम आदेश जारी किया था, जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई के लिए इस मामले को 15 मई को सूचीबद्ध किया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का उल्लेख किया गया है।
यह केरल हाई कोर्ट द्वारा हस्तक्षेप करने से इनकार करने के कुछ दिनों बाद आता है, यह तर्क देते हुए कि ट्रेलर में किसी विशेष समुदाय के लिए कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है।
केरल HC की सुनवाई में क्या हुआ?
सुनवाई के दौरान फिल्म 'द केरल स्टोरी' के निर्माता ने केरल हाकोर्ट को आश्वासन दिया कि केरल की 32,000 से अधिक महिलाओं को (इस्लाम में) परिवर्तित किया गया था। आईएसआईएस (आतंकवादी समूह) में भर्ती होने का दावा करने वाले विवादास्पद टीजर को सोशल मीडिया हैंडल से हटा दिया जाएगा और आगे भी वे अपने सोशल मीडिया हैंडल पर इसे प्रदर्शित नहीं करेंगे।
एजेंसी ने पिछले हफ्ते बताया कि निर्माताओं ने अदालत को बताया कि फिल्म -जिसने कर्नाटक में चुनावों से पहले एक राजनीतिक पंक्ति शुरू कर दी है - एक काल्पनिक कथा है और यह ऐतिहासिक तथ्य का सही प्रतिनिधित्व करने का दावा नहीं करती है।
पिछले सप्ताह केरल उच्च न्यायालय के समक्ष दायर याचिकाओं में तर्क दिया गया था कि 'द केरल स्टोरी' में कुछ तथ्यों को 'गलत तरीके से चित्रित' किया गया है और इससे केरलवासियों का 'अपमान' हुआ है।
राज्य कैसे प्रतिक्रिया दे रहे हैं?
अब तक दो राज्यों- उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश ने 'द केरल स्टोरी' को टैक्स फ्री कर दिया है, यानी सरकार ने एंटरटेनमेंट टैक्स माफ कर दिया है। वहीं पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में इस फिल्म पर बैन लगा दिया गया है। First Updated : Tuesday, 09 May 2023