Manipur Violence: भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में पिछले चार महीने से जारी हिंसा थमने की नाम नहीं ले रही है. राज्य के अलग-अलग जगहों में लगातार हिंसा की घटनाएं दर्ज की जा रही है. वहीं आज बुधवार को तनावग्रस्त दो जिलों के बीच सुरक्षाबलों द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स की ओर प्रदर्शनकारियों का एक विशाल समूह मार्च करना शुरू कर दिया, जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षाबलों को आंसू गैस और रबर की गोलियों का सहारा लेना पड़ा. इस घटना में कई लोग घायल हो गए जिन्हे इलाज हेतु अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मैतेई नागरिक समाज समूहों की प्रमुख संस्था, समन्वय समिति (COCOMI) के आह्वान के बाद, प्रदर्शनकारी मणिपुर के मैतेई-बहुल घाटी क्षेत्र में कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए बाहर आ गए.
चुराचांदपुर में मुस्तैद की गई सुरक्षा व्यवस्था
सीओसीओएमआई ने इस बारे में बताया कि सरकार की ऐसा नहीं करने की अपील के बावजूद भी वह चिन-कुकी-बहुल चुराचनपुर तक मार्च करेंगे. मैतेई बहुल बिष्णुपुर जिले से 35 किमी दूर चुराचांदपुर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. इन दोनों जिलों के बीच एक ऐसे क्षेत्र में बैरिकेड लगाए गए हैं, जिसे सुरक्षाबल अस्थायी 'बफ़र ज़ोन' कहते हैं.
स्थानीय लोगों ने कहा कि फौगाकचाओ इखाई में बैरिकेड के कारण वे टोरबुंग में अपने घर जाने में असमर्थ हैं. उन्होंने कहा कि जब 3 मई को जातीय हिंसा भड़की तो वे टोरबुंग से भाग गए थे. COCOMI ने कहा कि उन्होंने सरकार से 30 अगस्त तक फौगाकचाओ इखाई में बैरिकेड हटाने का अनुरोध किया है.
घाटी के पांच जिलों में लागू है कर्फ्यू
अधिकारियों ने कहा कि घाटी के सभी पांच जिलों- बिष्णुपुर, काकचिंग, थौबल, इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व में सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए कर्फ्यू का ऐलान किया गया है. एहतियात के तौर पर विभिन्न जिलों में काफी संख्या में सुरक्षाबल भी तैनात हैं. पिछले कुछ हफ्तों से घाटी के पांच जिलों में सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक कर्फ्यू में कुछ ढील दी गई है.
कानून व्यवस्था बनाए रखना प्राथमिकता- चुराचांदपुर एसपी
चुराचांदपुर जिले के पुलिस अधीक्षक कार्तिक मल्लाडी ने कहा, "हम दोनों जिलों के बीच के क्षेत्रों में कानून और व्यवस्था की स्थिति में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए हर तरह से तैयार हैं. जिला पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, आरएएफ, सेना और असम राइफल्स सहित पर्याप्त बल तैनात हैं."
पुलिस अधीक्षक ने कहा, "हम पड़ोसी जिलों काकचिंग और बिष्णुपुर तथा दूसरी तरफ तैनात बलों के साथ समन्वय बना रहे हैं. हम नियमित रूप से मिलते हैं, ताकि चूराचांदपुर या बिष्णुपुर से किसी भी तरह की लामबंदी पर ध्यान दिया जा सके और लोगों को एक दूसरे के आमने-सामने आने से रोका जा सके." First Updated : Wednesday, 06 September 2023