दिल्ली विधानसभा चुनाव पर HMPV का साया... क्या बढ़ते मामलों के चलते लगेगा COVID जैसा प्रतिबंध?
साल 2025 में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच HMPV के मामलों ने चिंता बढ़ा दी है, जिससे चुनाव आयोग ने सुरक्षा प्रोटोकॉल पर चर्चा शुरू कर दी है. अगर स्वास्थ्य समीक्षा में बड़े जोखिमों की पुष्टि होती है, तो चुनाव आयोग कोविड महामारी के दौरान लागू किए गए प्रतिबंधों की तर्ज पर नए दिशा-निर्देश जारी कर सकता है.
चुनाव आयोग (ECI) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अभी तक वोटिंग कार्यक्रम पर घोषणा नहीं की है. इसी बीच, भारत में ह्यूमन मेटापन्यूमोवायरस (HMPV) के 3 मामलों के सामने आने के बाद चुनाव प्रक्रिया पर इसके संभावित प्रभाव को लेकर चिंता काफी बढ़ गई है.
सुरक्षा प्रोटोकॉल पर चर्चा
सूत्रों की मानें तो, चुनाव आयोग ने इस स्थिति पर ध्यान दिया है और दिल्ली के चुनाव अधिकारियों के साथ सुरक्षा उपायों को लेकर चर्चा शुरू कर दी है. आयोग स्वास्थ्य मंत्रालय से परामर्श कर रहा है ताकि स्थिति की गंभीरता का आकलन किया जा सके और आवश्यक एहतियात निर्धारित किए जा सकें.
यदि स्वास्थ्य समीक्षा में बड़े जोखिमों की पुष्टि होती है, तो चुनाव आयोग COVID-19 महामारी के दौरान लागू किए गए प्रतिबंधों की तर्ज पर नए दिशा-निर्देश जारी कर सकता है. इनमें चुनावी रैलियों, सार्वजनिक सभाओं पर सीमाएं और मतदान प्रक्रियाओं में बदलाव शामिल हो सकते हैं. स्वास्थ्य सचिव के साथ विस्तृत बैठक के बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा.
HMPV के बारे में क्या है जानकारी?
HMPV एक वैश्विक स्तर पर पहचाना गया श्वसन वायरस है, जो हाल ही में चीन में सामने आए एक प्रकोप के बाद सुर्खियों में आया. सोमवार को भारत में इसके दो मामले कर्नाटक और एक मामला गुजरात में दर्ज किया गया.
HMPV क्या है?
यह वायरस श्वसन संक्रमण के लिए जिम्मेदार है और सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित करता है. इसे पहली बार 2001 में खोजा गया था और यह पैरामिक्सोविरिडाए (Paramyxoviridae) का हिस्सा है. HMPV का प्रसार मुख्य रूप से खांसने या छींकने से निकले ड्रॉपलेट्स के माध्यम से होता है. यह दूषित सतहों या संक्रमित व्यक्तियों के सीधे संपर्क से भी फैलता है.
यह वायरस हल्के श्वसन असुविधा से लेकर गंभीर जटिलताओं तक का कारण बन सकता है, विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में.
HMPV के रोकथाम के उपाय
1. नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोना.
2. खांसते या छींकते समय मुंह और नाक ढकना.
3. मास्क पहनना.
4. संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखना.
5. बार-बार छुई जाने वाली सतहों को साफ और कीटाणुरहित करना.