मुर्शिदाबाद हिंसा के पीछे ISI का साया? मदरसों में दी गई आतंकी ट्रेनिंग का खुलासा
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हालिया हिंसा के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और बांग्लादेशी आतंकी संगठनों का हाथ होने का संदेह है. जांच एजेंसियों को जानकारी मिली है कि वक्फ कानून के विरोध में प्रदर्शन की आड़ में सीमा पार से प्रशिक्षित युवकों की घुसपैठ कराई गई. इन बाहरी तत्वों की पहचान जारी है और मदरसों में मिली ट्रेनिंग की भी जांच की जा रही है.

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हाल ही में हुई हिंसा ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है. प्रारंभिक जांच के अनुसार, इस हिंसा के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और बांग्लादेशी आतंकवादी संगठनों का हाथ हो सकता है.
खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता के बाद, वहां के कट्टरपंथी तत्वों ने पश्चिम बंगाल में अशांति फैलाने के लिए रणनीति बनाई. इन तत्वों ने वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों को भड़काया और छात्रों के वेश में सीमा पार से युवाओं की घुसपैठ कराई. इन युवाओं को बांग्लादेश के मदरसों में महीनों तक प्रशिक्षण दिया गया, जहां उन्हें भारत और बंगाल की आंतरिक स्थिति को बिगाड़ने के लिए तैयार किया गया.
हिंसा की योजना और कार्यान्वयन
इन प्रशिक्षित युवाओं ने मुर्शिदाबाद के फरक्का, समशेरगंज, धुलियान और लालगोला जैसे इलाकों में पुलिस और सुरक्षा बलों पर हमले किए. इन हमलों का उद्देश्य पुलिस को घेरकर अशांति फैलाना था. हिंसा के दौरान, स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि इन बाहरी तत्वों को पहचान नहीं सके, क्योंकि वे इलाके में नए थे.
आईएसआई और बांग्लादेशी आतंकवादी संगठनों की भूमिका
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और खुफिया एजेंसियों के अनुसार, इस हिंसा के पीछे आईएसआई और बांग्लादेशी आतंकवादी संगठन जैसे जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) की भूमिका है. इन संगठनों ने बांग्लादेश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों को समर्थन दिया और भारत में अशांति फैलाने के लिए साजिश रची. खुफिया रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया है कि बांग्लादेश में इन प्रदर्शनों को भड़काने के लिए पाकिस्तान की आईएसआई ने छात्र शिविर नामक संगठन का इस्तेमाल किया, जो जमात-ए-इस्लामी का हिस्सा है.
भारत की सुरक्षा चिंताएं
पाकिस्तान और बांग्लादेश के बढ़ते संबंध भारत के लिए चिंता का विषय बन गए हैं. विशेष रूप से, चटगांव बंदरगाह पर पाकिस्तान से आने वाले माल की फिजिकल जांच में छूट देने का निर्णय भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का कारण है. इससे आईएसआई को हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी करने में आसानी हो सकती है, जो पूर्वोत्तर भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दे सकता है.
मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा
मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा और इसके पीछे की साजिश भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती प्रस्तुत करती है. सीमा पार से होने वाली घुसपैठ, आतंकवादी प्रशिक्षण और बाहरी तत्वों की सक्रियता से निपटने के लिए समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है. सुरक्षा एजेंसियों को इस प्रकार की साजिशों का पर्दाफाश करने और देश की अखंडता को बनाए रखने के लिए सतर्क और सक्रिय रहना होगा.