रमज़ान का महीना… शहाबुद्दीन, अतीक अहमद और अब मुख्तार अंसारी

मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र महीना रमजान चल रहा है और इस बीच मुख्तार अंसारी की मौत हो गई है. मुख्तार अंसारी से पहले भी दो बड़े चेहरे रमजान के महीने में इस दुनिया को अलविदा कहकर गए हैं.

calender

Mukhtar Ansari: लंबे अरसे से बांदा जेल में कैद मुख्तार अंसारी की गुरुवार को हार्ट अटैक के चलते मौत हो गई है. इससे दो दिन पहले भी उनकी तबीयत बिगड़ी थी. जिसके चलते उसे अस्पताल ले जाया गया था और कुछ घंटों के लिए आईसीयू में रखा गया था. हालांकि जब उसे दूसरी बार अस्पताल ले जाया गया तो वो जिंदा वापस नहीं लौटा. मुख्तार की मौत के बाद एक बहुत बड़े तबके में गम की लहर है. तो वहीं कुछ लोग इस मौत का एक आतंक और खौफ के सरगना का अंत बता रहे हैं. मुख्तार अंसारी की मौत 28 मार्च 2024 को हुई है, इस दौरान मुसलमानों का सबसे पवित्र महीना रमजान भी चल रहा है. 28 मार्च को रमजान का 16वां रोजा रखा गया था. 

Mukhtar_Ansari

मुख्तार अंसारी से पहले अतीक अहमद की भी पिछले साल रमजान के महीने में हत्या कर दी गई थी. अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर उस वक्त कुछ लोगों ने गोलियों चला दी थीं जब उन्हें पुलिस मेडिकल के लिए अस्पताल लेकर जा रही थी. कहा जाता है कि अतीक और अशरफ के कातिल मीडियाकर्मी बनकर आए थे. जिस दिन अतीक अहमद और अशरफ पर हमला हुआ था वो तारीख 10 अप्रैल थी और रमजान का 18वां रोजा खत्म पूरा हो चुका था. 

अतीक अहमद

बात सिर्फ यहीं खत्म नहीं होती, बल्कि 'सिवाल का सुल्तान' यानी शहाबुद्दीन की मौत भी रमजान के महीने में ही हुई थी. सिवान के सुल्तान के नाम जाने पहचाने जाने वाले शहाबुद्दीन बाहुबली होने के साथ-साथ खतरनाक डॉन भी थे. शहाबुद्दीन जुर्म की दुनिया से राजनीति में आए थे, हालांकि राजनीति में आने के बाद भी उनका नाम जुर्म की दुनिया से अलग नहीं हो सका. लालू यादव की पार्टी RJD के प्रमुख नेताओं में शुमार किए जाने वाले शहाबुद्दीन लगभग पार्टी के हर पोस्टर पर दिखाई देते थे. 

शहाबुद्दीन

शहाबुद्दीन की मौत राजधानी दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में कोरोना वायरल के चलते हुई थी. शहाबुद्दीन तिहाड़ जेल में सजा काट रहे थे. उनकी सेहत को लेकर मौत से कुछ दिन पहले ही हाई कोर्ट ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी और अस्पताल को सख्त आदेश दिया था कि शहाबुद्दीन का इलाज ठीक से किया जाए. हालांकि इस आदेश के कुछ तीसरे दिन ही उनकी मौत हो गई. शहाबुद्दीन का बेटा अपने पिता को सिवान ले जाने चाहता था लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल के चलते उन्हें दिल्ली में ही दफनाया गया था. शहाबुद्दीन की मौत 1 मई 2021 को हुई थी, उस वक्त भी रमजान का पवित्र महीना चल रहा था और 1 मई 2021 को 19वां रोजा था.  First Updated : Friday, 29 March 2024