शाही जामा मस्जिद समिति ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, मस्जिद सर्वे के आदेश को दी चुनौती

Sambhal mosque survey: संभल की जामा मस्जिद के सर्वे की इजाजत देने वाले सिविल जज के आदेश के खिलाफ शाही जामा मस्जिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. मामले की सुनवाई सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच शुक्रवार को करेगी. मस्जिद कमेटी ने सिविल जज के आदेश और किसी भी अन्य सर्वेक्षण आदेश पर रोक लगाने की भी मांग की है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Sambhal mosque survey: संभल की जामा मस्जिद के सर्वेक्षण की अनुमति देने वाले सिविल जज के आदेश को शाही जामा मस्जिद समिति ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. समिति ने निचली अदालत के आदेश पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है. यह मामला सांप्रदायिक विवाद का रूप ले सकता है, जिसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए अर्ज़ी दी गई है.

सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच करेगी. मस्जिद समिति ने न केवल सिविल जज के आदेश पर बल्कि भविष्य में किसी भी सर्वेक्षण के आदेश पर रोक लगाने की गुहार लगाई है. इस बीच, अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को लेकर भी विवाद सामने आया है. कुछ संगठनों द्वारा वहां शिव मंदिर होने का दावा किया गया है. 

अजमेर दरगाह विवाद

अजमेर की दरगाह को लेकर भी विवाद गहराता जा रहा है. हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दावा किया है कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के स्थान पर पहले एक शिव मंदिर था. उन्होंने अपने दावे के समर्थन में एक किताब का हवाला देते हुए कहा कि इसके ऐतिहासिक प्रमाण मौजूद हैं.

समाज को बांटने की साजिश

दरगाह के खादिमों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने इस याचिका को समाज को बांटने की साजिश करार दिया है. उन्होंने कहा, "दरगाह सांप्रदायिक सौहार्द और धर्मनिरपेक्षता का प्रतीक है. इसे लेकर उठाए गए दावे झूठे और दुर्भावनापूर्ण हैं."

सरकार और एएसआई से जवाब तलब

अजमेर अदालत ने इस मामले में दरगाह समिति, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

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28 November 2024, 10:12 PM IST

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