शरद पवार के इस्तीफे पर अजित पवार ने कहा कि शरद पवार की उम्र को देखते हुए ये फैसला लिया गया है। वो सभी कार्यक्रमों में मौजूद रहेंगे। अध्यक्ष नहीं हैं, इसका मतलब ये नहीं है कि वो पार्टी में नहीं हैं। आप भावुक ना हों। जो भी नया अध्यक्ष होगा, हम उसके साथ खड़े रहेंगे।'
शरद पवार के अध्यक्ष पद छोड़ने के संकेत मिलने लगे थे। सबसे पहले जब उन्होंने रोटी पलटने वाला बयान दिया तो साफ इशारा था कि एनसीपी में कुछ बड़ा होने वाला है। वहीं उनकी बेटी सुप्रिया सुले ने भी कहा था कि 15 दिन में दो राजनीतिक विस्फोट होंगे। एक महाराष्ट्र और दूसरा दिल्ली में। ऐसे में एक कयास यह भी लग रहा है कि क्या शरद पवार ने पहला धमाका कर दिया है। अब दूसरा सियासी विस्फोट क्या हो सकता है, यह भी देखना दिलचस्प होगा। पवार ने 1999 में कांग्रेस से अलग होकर एनसीपी बनाई थी। उसके बाद से ही वे पार्टी के अध्यक्ष थे। पवार के ऐलान के बाद पार्टी कार्यकर्ता रोने लगे और उनसे फैसला वापस लेने की मांग करने लगे।