जब शीला दीक्षित को छेड़ने लगे मनचले, रात में अकेला देखकर बोले,'एक लड़की भीगी-भागी सी
Sheila Dikshit Love Story: दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की लव स्टोरी काफी दिलचस्प है. आज उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको वही किस्सा पढ़वाने जा रहे हैं.
Sheila Dikshit Love Story: राजधानी दिल्ली को तेजी से तरक्की के रास्ते पर ले जाने वाली मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को लगभग हर कोई जानता है. शीला दीक्षित दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष रहने के साथ-साथ तीन बार मुख्यमंत्री भी बनीं. शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च 1938 को हुआ था. इसके अलावा उनका देहांत 81 वर्ष की उम्र में 20 जुलाई 2019 को हुआ था. शीला दीक्षित की मौत हार्ट अटैक के चलते हुई थी. पूर्व मुख्यमंत्री के अनगिनत किस्से मशहूर हैं. आज हम आपको एक ऐसा किस्सा सुनाने जा रहे हैं जब उन्हें कुछ मनचले अकेला देखकर छेड़ने लगे थे.
DU में पढ़ते थे एक साथ
शीला दीक्षित ने अपनी आत्मकथा 'सिटिजन दिल्ली- माय टाइम-माय लाइफ' में कई बड़ा खुलासे किए हैं. इसी किताब में उन्होंने अपनी और अपने पति विनोद दीक्षित की लव स्टोरी के बारे में बताया है. विनोद दीक्षित कांग्रेस के एक और दिग्गज नेता उमाशंकर दीक्षित के बेटे थे. शीला और मनोज की मुलाकात दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान हुई थी. उन्होंने इस किताब में बताया कि एक कॉमन के दोस्त के ज़रिए हम दूसरे के करीब आए थे.
बस में किया था प्रपोज
दोस्ती हो जाने के बाद विनोद और शीला दोनों एक साथ बस में घर जाया करते थे. एक दिन बस में बैठे-बैठे विनोद अपने बगल में बैठी शीला से कहते हैं कि मैं अपनी मां को बताने जा रहा हूं कि मझे वो लड़की मिल गई, जिससे मुझे शादी करनी है. इसके बाद शीला पूछती हैं कि क्या तुमने लड़की से इस संबंध में बात की है? तो विनोद जवाब देते हैं कि नहीं, लेकिन वो इस वक्त मेरे बराबर में बैठी है. इतना सुनने के बाद शीला दीक्षित हैरान रह जाती हैं और फिर घर आकर खुशी से नाचने लगती हैं. कहा जाता है कि जब यह बात दोनों के घर वालों तक पहुंची तो शीला दीक्षित के परिवार वाले राजी थे, लेकिन विनोद के घर वाले शादी पर राजी नहीं थे क्योंकि शीला दीक्षित ब्राह्मण नहीं थीं. हालांकि दो साल तक की मेहनत के बाद विनोद के परिवार वाले भी मान गए और फिर दोनों शादी के बंधन में बंध गए.
बारिश में गाड़ी लेकर निकली शीला दीक्षित
शीला दीक्षित अपनी किताब में हैरान कर देने वाली घटना के बारे में बताती हैं कि विनोद ने जब IAS की परीक्षा पास की तो उन्हें उत्तर प्रदेश कॉडर मिला. इसी दौरान एक बार लखनऊ से अलीगढ़ जाते वक्त विनोद की ट्रेन छूट गई थी. जिसके बाद विनोद ने शीला से गुजारिश करते हुए कहा कि वो उन्हें अपनी गाड़ी से कानपुर छोड़ आएं, वहां से वो ट्रेन पकड़ लेंगे और फिर अलीगढ़ पहुंच जाएंगे. बस फिर क्या था? शीला दीक्षित ने दिन देखा ना मौसम, विनोद को कानपुर छोड़ आईं.
रात में अकेले देखकर मनचलों ने छेड़ा
इस रात बहुत तेज बारिश हो रही थी. उन्हें कानपुर के रास्ते भी मालूम नहीं थे. रात के करीब डेढ़ बज चुके थे लेकिन और वो सही रास्ता नहीं ढूंढ पा रही थीं. इस दौरान शीला दीक्षित को कुछ मनचलों का भी सामना करना पड़ा. दरअसल मनचलों ने शीला दीक्षित को देखकर किशोर कुमार का गाना 'एक लड़की भीगी-भागी सी' भी गाया. हालांकि गनीमत रही कि वहां पर एक कांस्टेबल आ जाता है और उन्हें थाने लेकर चला जाता है. थाने ले जाने के बाद इस बारे एसपी को जानकारी दी जाती है, ये एसपी साहब शीला दीक्षित को जानते थे. इसके बाद शीला दीक्षित के साथ कुछ पुलिस वाले जाते हैं और उन्हें लखनऊ वापस छोड़कर आते हैं. शीला दीक्षित खुद ड्राइव कर रही थीं और लगभग सुबह 5 बजे लखनऊ पहुंची थीं.