आस्था की अनोखी मिसाल: 370 दिनों में 8600 km पैदल चलकर मक्का पहुंचा केरल का शिहाब

Shihab Chottur: केरल के शिहाब पिछले एक साल से सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल शिहाब ने 2 जून को केरल से सऊदी अरब के लिए पैदल सफर शुरू किया था और अब वो मुसलमानों के मुकद्दस शहर मक्का पहुंच गया है. उनका यह सफर 8600 Km का रहा जो उन्होंने भारत के अलावा 4 अन्य देशों से गुजरते हुए 370 दिनों में तय किया.

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Shihab Chottur: केरल के शिहाब चित्तूर ने एक नया रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया और दिखा दिया है कि अगर कुछ करने की ठान ली जाए लाख मुश्किलें आने के बावजूद उसको पूरा किया जा सकता है. केरल के रहने वाले शिराब चित्तूर ने 8600 किलोमीटर का सफर 370 दिनों में पैदल किया और सऊदी अरब के मक्का शहर में हज के लिए पहुंच गया है.

2 जून को शुरू किया था सफर:
पिछले साल 2 जून को अपने सफर का आगाज करने वाले शिहाब सोशल मीडिया पर काफी चर्चा विषय बने रहे. शिहाब केरल से निकलकर पाकिस्तान, ईरान,  ईराक और कुवैत के रास्ते सबसे पहले सऊदी अरब के मदीना पहुंचे. इसके बाद मदीना से मक्का पहुंचने के लिए भी शिहाब को 9 दिनों का वक्त लगा. उन्होंने मदीना में तकरीबन 21 दिन गुजारे. शिहाब ने सोशल मीडिया पर मदीना के कई लम्हे शेयर भी किए हैं. 

पाकिस्तान में नहीं मिल रही थी एंट्री:
खुद को रियासत-ए-मदीना कहने वाले पाकिस्तान ने शिहाब को वीजा देने से इनकार कर दिया था. हालांकि शिहाब की तरफ से एक पाकिस्तानी ने अदालत में केस लड़ा लेकिन उनकी अर्ज़ी को भी अदालत ने खारिज कर दिया था. लेकिन याचिका खारिज होने के बावजूद पाकिस्तानी शख्स सरवर ताज ने हार नहीं मानी और वो शिहाब को पाकिस्तान में दाखिल होने के लिए केस को आगे बढ़ाते रहे. आखिर में उन्हें फरवरी महीने में पाकिस्तान में दाखिल होने की इजाज़त मिली. 

लाहौर हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका
लाहौर के रहने वाले सरवर ने राज्य के हाई कोर्ट में अर्ज़ी लगाकर अपील की थी कि जिस तरह पाकिस्तान सरकार गुरु नानक की जयंती और अन्य अवसरों पर भारतीयों को पाकिस्तान आने की इजाज़त देती है ठीक उसी तरह शिहाब को हज के लिए सऊदी अरब की यात्रा करने की इजाज़त दी जाए. इसके लिए शिहाब को ट्रांजिट वीजा की आवश्यकता थी. हालांकि लाहौर हाई कोर्ट ने इस अर्ज़ी का खारिज कर दिया था. 

पाक सुप्रीम कोर्ट ने दी इजाज़त:
अदालत ने कहा था कि अदालत ने कहा था कि कोर्ट में पिटीशन दाखिल करने वाले सरवर का भारतीय नागरिक से कोई संबंध नहीं है. ना ही सरवर के पास अदालत जाने के लिए पॉवर ऑफ अटॉर्नी थी. लाहौर हाई कोर्ट से मिली मायूसी के बाद सरवर ताज ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और वहां से शिहाब को पाकिस्तान में दाखिल होने की इजाज़त मिली. First Updated : Saturday, 10 June 2023