Shimla Masjid Controversy: शिमला के संजौली इलाके में मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद ने कांग्रेस पार्टी में मतभेद पैदा कर दिए हैं. कांग्रेस आलाकमान सुक्खू सरकार की नीतियों से नाराज है, उनका कहना है कि सरकार की गलत नीतियों के कारण बीजेपी को लाभ मिला है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्थिति को सामान्य बनाने का आश्वासन दिया है और पार्टी प्रभारी राजीव शुक्ला ने इस मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी है.
दरअसल ये विवाद एक मस्जिद को लेकर है और उस विवादित मस्जिद को लेकर हिन्दू संगठनों का कहना है कि यह अवैध है और सरकारी जमीन पर बनी है. उनका आरोप है कि इस मस्जिद को गिराने की मांग को लेकर हाल ही में हिंसा और प्रदर्शन हुए हैं. मुस्लिम पक्ष का दावा है कि यह मस्जिद 1947 से पहले की है और वक्फ बोर्ड की संपत्ति है. मस्जिद के इमाम मौलाना शहजाद ने भी यही कहा है कि यह मस्जिद आजादी से पहले से मौजूद है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने मस्जिद को बताया अवैध
हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि मस्जिद सरकारी जमीन पर बनी है और इसका मामला पिछले 14 साल से न्यायालय में विचाराधीन है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कानून के अनुसार इस विवाद का समाधान होगा. पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मस्जिद को अवैध बताते हुए कहा कि यह सरकारी जमीन पर बनी है. उनका कहना है कि विवाद तब उभरा जब कुछ लोग इस मस्जिद में शरण लेने पहुंचे और यह मामला 2010 में शिमला कॉरपोरेशन में दर्ज हुआ था.
प्रदर्शन और पुलिस की कार्रवाई
बुधवार को संजौली मस्जिद को लेकर प्रदर्शन उग्र हो गया. हिंदूवादी संगठनों ने मस्जिद को अवैध बताते हुए इसे गिराने की मांग की. जब प्रदर्शनकारी मस्जिद की ओर बढ़ने लगे तो पुलिस ने लाठीचार्ज और वाटर कैनन का प्रयोग किया. इस कार्रवाई में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया और इलाके में तनाव फैल गया. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़े और पथराव किया, जिसके कारण कई लोग घायल हुए और स्कूलों को बंद करने का आदेश न देने पर स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर गुस्सा जताया.
मुस्लिम पैनल का निर्णय
मुस्लिम पैनल ने नगर निगम से मस्जिद के अवैध हिस्से को सील करने की मांग की है और कहा कि वे खुद उस हिस्से को गिरा देंगे. इस निर्णय के साथ, मस्जिद के विवादित हिस्से को तोड़े जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. यह घटनाक्रम तब हुआ जब शिमला में मस्जिद के अवैध हिस्से को लेकर हाल ही में बहुत हंगामा हुआ था.
हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और प्रभारी राजीव शुक्ला से इस मसले पर बात की गई है. राज्य सरकार इस स्थिति को लेकर गंभीर है और सभी घटनाक्रमों पर कड़ी नजर रखी जा रही है. First Updated : Thursday, 12 September 2024