सरकार से बाहर रहना चाहती है शिवसेना, एकनाथ शिंद ने दिया बड़ा संकेत, BJP मनाने में जुटी
एकनाथ शिंदे सरकार में रहना नहीं चाहते हैं. बीजेपी उन्हें मनाने में जुटी है. उधर, एनसीपी नेता अजित पवार दिल्ली पहुंचने वाले हैं. अजित पवार दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं.
महाराष्ट्र में 10 दिनों के बाद भी मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला नहीं हो सका है. कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे लगातार प्रेशर पॉलिटिक्स कर रहे हैं. दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक में लगभग सबकुछ तय हो जाने के बाद मुंबई में महायुति की बैठक होनी है. लेकिन पिछले तीन दिनों से महायुति के बीच गतिरोध बना हुआ है. इस बीच खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होने की बजाय विपक्ष में बैठना चाहते हैं. सूत्रों के मुताबिक, एकनाथ शिंदे ने खुद संकेत दिया है कि वह सत्ता से बाहर रहना चाहते हैं.
महायुति के दोनों सहयोगियों को लगता है कि अगर उनके पास दो शीर्ष पद होते हैं, तो इससे सरकार का आसानी से काम कर पाएगी और प्रतिद्वंद्वी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को किनारे कर दिया जाएगा.
एकनाथ शिंदे सरकार से बाहर रहना चाहते हैं
शिंदे के करीबी माने जाने वाले नवनिर्वाचित विधायक भरत गोगावाले ने रविवार को मैं एकनाथ शिंदे के साथ था. शिवसेना के अन्य नेता और विधायक भी साथ में थे. उस समय एकनाथ शिंदे ने हमसे कहा था कि वह सत्ता से बाहर रहकर काम करेंगे। हालांकि, हमने जोर दिया कि उन्हें सत्ता से बाहर नहीं रहना चाहिए। उन्हें सरकार का हिस्सा रहते हुए काम करना चाहिए.
बीजेपी चाहती है शिंदे बने सरकार का हिस्सा
एनसीपी प्रवक्ता ने कहा कि शिंदे ने सत्ता से बाहर रहने का मुद्दा उछालकर अपने पार्टी सहयोगियों का मूड भांपने की कोशिश की होगी. प्रवक्ता ने कहा, "ऐसा इसलिए है क्योंकि महायुति के सभी सहयोगी इस संभावना पर चर्चा कर रहे हैं कि अगर शिंदे उपमुख्यमंत्री बनने का विरोध कर रहे हैं तो उन्हें विपक्ष के नेता का पद दिया जा सकता है. रणनीति यह है कि अगर शिंदे विपक्ष के नेता बनते हैं तो विपक्षी एमवीए की कोई आवाज नहीं होगी और सरकार को रोजाना आलोचनाओं का सामना करने से बचना होगा. इसके अलावा, विपक्ष के नेता का पद मुख्यमंत्री के बाद दूसरे नंबर का पद है.एनसीपी प्रवक्ता ने कहा कि बीजेपी चाहती है कि एकनाथ शिंदे सरकार का हिस्सा बनें, लेकिन शिंदे देवेंद्र फडणवीस के नीचे काम करने को तैयार नहीं है.
कांग्रेस करेगी विपक्ष के पद के लिए दावा
एमवीए में किसी भी पार्टी के पास विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद का दावा करने के लिए संख्या नहीं है. हालांकि, कांग्रेस ने कहा कि एमवीए पूरी तरह से विपक्ष के नेता के पद का दावा कर सकता है. कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लौंडे ने कहा, "विपक्ष के नेता का पद पाने के लिए किसी पार्टी को कम से कम 29 विधायकों की ज़रूरत होती है. हमारा चुनाव पूर्व गठबंधन था और इसलिए एमवीए इस पद पर दावा कर सकता है. हम इस पद के लिए दावा करेंगे." कांग्रेस ने शिंदे के नेता प्रतिपक्ष बनने की संभावना को खारिज कर दिया। लोंधे ने कहा, "वे इस संभावना पर चर्चा कर रहे होंगे. लेकिन यह सोचना अतार्किक है कि शिंदे विपक्ष के नेता बनेंगे."